पटना। बिहार की राजनीति में करीब तीन दशक तक राज करने वाले लालू प्रसाद यादव पर चारा घोटाले मामले पर फैसला आ गया है। सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू को साढ़े तीन साल की सज़ा सुनाई है। साल ही 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। लालू यादव को बीते दिनों दोषी ठहराए जाने के बाद से लालू के साथ-साथ लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों को कोर्ट की सज़ा के फैसले का इन्तजार था। बता दें कोर्ट ने वीडियो कॉस्फ्रेंसिंग के जरिए सज़ा का फैसला सुनाया है। लालू यादव को सीबीआई अदालत से बेल नहीं मिल पाएगी, क्योंकि 3 साल की सज़ा होने पर लालू को यहां से बेल मिल जाती लेकिन उन्हें साढ़े तीन साल की सज़ा हुई है तो उन्हें अब ऊपर की कोर्ट में बेल की अपील करनी होगी।
Lalu gets 3.5 yrs of jail in fodder scam case
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— ANI Digital (@ani_digital) January 6, 2018
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लालू प्रसाद यादव पर कौन-कौन सी धाराएं लगीं
सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू यादव अलावा राजेंद्र प्रसाद, सुनील सिन्हा, सुशील कुमार समेत 6 दोषियों को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा कोर्ट ने लालू पर 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है जिसे ना भरने पर सजा 6 महीने के लिए बढ़ा दी जाएगी। इसके पहले शुक्रवार को अदालत ने लालू यादव और पूर्व सांसद डॉ.आरके राणा सहित पांच दोषियों के खिलाफ सजा के बिंदु पर सुनवाई शुक्रवार को पूरी हो गई। लालू प्रसाद यादव को कोर्ट ने धारा 420, 120 बी और पीसी एक्ट की धारा 13( 2) के तहत दोषी करार दिया था।
The judiciary performed its duty. We will go to the High Court after studying the sentence and apply for a bail: Tejashwi Yadav, RJD on #FodderScam pic.twitter.com/17zxjyTQ2d
— ANI (@ANI) January 6, 2018
आज कोर्ट ने लालू पर अपना फाइनल फैसला सुनाया है
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा चारा घोटाले के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद आज कोर्ट ने लालू पर अपना फाइनल फैसला सुनाया है। चारा घोटाला मामले की शुरुआत करीब साल 1993-94 में हुई थी। हालांकि अभी तक लालू इस मामले में दोषी करार नहीं दिए गए थे। लेकिन बीते दिनों जब अदालत ने भी लालू को चारा घोटाला मामले में दोषी करार दे दिया है, तो उनको सजा मिलना भी तय माना जा रहा था।
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वैसे तो इस मामले में लालू प्रसाद को 3 जनवरी को सजा सुनाई जानी थी, लेकिन अभी तक अदालत भी इस उलटफेर में फंसी थी कि आखिर इस मामले को दोषियों को कितने अवधि की सजा सुनाई जाए। बता दें अदालत के फैसले को बिहार की राजनीति और राजद के भाविस्ध्य से भी जोड़कर देखा जा रहा था। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना था कि लालू को जैसी सजा सुनाई जाएगी वैसा ही राजद का भविष्य होगा, मतलब जितनी ज्यादा अवधि की सजा, राजद के भविष्य को उतना ही खतरा।
We are confident that he (Lalu Yadav) will get bail. We have full faith on judiciary. We are not going to be cowed down: Tej Pratap Yadav #FodderScam pic.twitter.com/WHG1VFsKam
— ANI (@ANI) January 6, 2018
क्या था चारा घोटाले का पूरा मामला
यह मामला 1994 से 1996 के बीच देवघर जिला कोषागार का है जहां से फर्जी तरीके से कोष निकाला गया था। 21 साल पुराने इस मामले में सीबीआई ने शुरु में 34 लोगों को आरोपी बनाया था। इसमें 11 की मौत ट्रायल के दौरान हो गई। दो आरोपी सरकारी गवाह बन गए और निर्णय के पूर्व ही अपना दोष स्वीकार कर लिया। सीबीआई ने इस मामले में देवघर कोषागार से फर्जी बिल बना कर राशि की निकासी करने का आरोप लगाया था। लालू पर आरोप था कि उन्हे इस मामले की पूरी जानकारी थी बावजूद इसके उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।