अजित चंदीला जीवन में कभी क्रिकेट नहीं खेल पाएंगे

मुंबई। अजित चंदीला के भाग्य का फैसला हो गया है। आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग में फंसे अजित चंदीला अब जीवन में कभी क्रिकेट नहीं खेल पाएंगे। बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर की अगुवाई वाली बोर्ड की तीन सदस्यीय अनुशासन समिति ने दागी क्रिकेटरों अजित चंदीला और हिकेन शाह के भाग्य का फैसला कर दिया है। समिति ने अजित चंदीला पर आजीवन जबकि हिकेन शाह पर पांच साल का बैन लगाया है।
अजित चंदीला आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग में दोषी
इस तीन सदस्यीय अनुशासन समिति में मनोहर के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया और निरंजन शाह शामिल थे। चंदीला को 2013 में आईपीएल मैचों में स्पॉट फिक्सिंग करने के आरोपों में राजस्थान रॉयल्स के अपने साथियों श्रीसंत और अंकित चव्हाण के साथ गिरफ्तार किया गया था। श्रीसंत और चव्हाण पर बीसीसीआई ने पहले ही आजीवन प्रतिबंध लगा रखा है।
चंदीला पर लगा आजीवन प्रतिबंध
बीसीसीआई की अनुशासन समिति ने बोर्ड हेडक्वार्टर में बैठक कर इस मामले पर फैसला सुनाया। समिति ने अपने फैसले में चंदीला को मिसकंडक्ट और करप्शन का दोषी बताते हुए उसे किसी भी तरह की क्रिकेट गतिविधि में भाग लेने से आजीवन प्रतिबंधित कर दिया। चंदीला अब किसी भी लेवल पर ना तो क्रिकेट खेल सकते हैं और ना ही वो बोर्ड या उससे संबंधित किसी एसोसिएशन की गतिविधि में भाग ले सकते हैं। समिति ने हिकेन शाह को बीसीसीआई एंटी करप्शन कोड को तोड़ने समेत अन्य कई आरोपों में पांच साल के लिए क्रिकेट से जुड़ी किसी भी गतिविधि में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया।
असद रऊफ को मिला आखिरी मौका
समिति को पाकिस्तानी अंपायर असद रऊफ के मामले की भी सुनवाई करनी थी लेकिन रऊफ सुनवाई के लिए उपस्थित नहीं हुए। रऊफ ने सुनवाई में आने के बजाय समिति को अपना जवाब भेज दिया था। इस जवाब में उन्होंने अपने मामले की निष्पक्ष जांच ना होने का हवाला देते हुए दोबारा जांच की मांग की थी। उनकी मांग थी कि उनके मामले की जांच के लिए किसी दूसरे जांच अधिकारी की नियुक्ति की जाए। हालांकि समिति ने उनकी मांग को अस्वीकार कर दिया। समिति ने उन्हें अपना लिखित जवाब भेजने का आखिरी मौका देते हुए कहा कि वो 9 फरवरी 2016 तक अपनी बेगुनाही के दस्तावेज भी मुहैया कराएं। जांच और अंतिम फैसले की तारीख 12 फरवरी 2016 रखी गई है।