ओमन चांडी पर एफआईआर का आदेश देने वाले जज ने मांगा VRS

सौर घोटाले में घिरे केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी पर एफआईआर करने के आदेश पर केरल हाईकोर्ट ने दो महीने की रोक लगा दी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद ओमान पर एफआईआर कराने का आदेश देने वाले जज ने वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) की अर्जी दी है। त्रिशूर कोर्ट के जज जस्टिस वासन ने हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार को मेल भेजकर अपनी मंशा जताई है। उन्होंने मेल से भेजे गए अपने इस्तीफे में कहा है, ‘वह 31 मई के बाद अपनी सेवा जारी नहीं रखना चाहते हैं।’ जस्टिस वासन का कार्यकाल अभी 2 साल बचा हुआ है।
ओमन चांडी पर एफआईआर की वजह
माना जा रहा है कि जज वासन केरल हाईकोर्ट के आदेश से आहत हैं। दरअसल, हाईकोर्ट ने ओमन चांडी पर एफआईआर दर्ज करने के सतर्कता अदालत के फैसले पर रोक लगाते हुए जस्टिस वासन की खिंचाई भी की थी। कोर्ट ने कहा था, ‘जज को अपने अधिकार नहीं पता। ऐसे कोर्ट सही तरीके से कैसे चल सकती है?’ इससे सीएम चांडी ने हाई कोर्ट में अर्जी देकर कहा था कि उन पर लगाए गए आरोप आधारहीन हैं और इस केस से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
यह है पूरा मामला
बुधवार को मुख्य आरोपी सरिता एस. नायर ने न्यायिक आयोग के सामने कहा कि चांडी के करीबी ने उनसे 7 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी थी, जिसके बाद उन्होंने 1 करोड़ 90 लाख रुपए दिए। सरिता ने राज्य के ऊर्जा मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अर्यादन मोहम्मद को भी 40 लाख रुपये रिश्वत देने का आरोप लगाया था। चांडी ने आरोपों को राजनीतिक साजिश बताते हुए इसके लिए बार मालिकों के एक ग्रुप को दोषी ठहराया। हाईकोर्ट की ओर से स्टे लगने के बाद भी सौर घोटाले के विरोध में बीजेपी ने त्रिवेंद्रम में लगातार विरोध प्रदर्शन किया। बीजेपी नेताओं ने आरोपों में घिरे ओमन चांडी पर एफआईआर कराने की मांग की।