नई दिल्ली। विजय माल्या केवल 17 बैंकों का 9000 करोड़ लेकर नहीं भागे हैं उन्होंने कुछ ऐसे लोगों को भी बर्बादी की कगार पर ला खड़ा किया है जो उनके साथ थे। किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री से गुहार लगाई है कि उनको उनकी सैलरी दिलवाई जाए। कंपनी के कर्मचारी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में केस दर्ज करने का भी फैसला कर चुके हैं।
किंगफिशर एयरलाइंस के कर्मचारी सैलरी के लिए परेशान
किंगफिशर एयरलाइंस के कर्मचारी अपने बकाए के भुगतान के लिए सुप्रीम कोर्ट के वकील एमवी किनी के संपर्क में हैं। किनी ने उनका केस उनके हालात को देखते हुए बिना फीस लिये लड़ने की बात कही है।
इससे पहले आज सुबह किंगफिशर एयरलाइंस के कर्मचारियों ने पीएम नरेन्द्र मोदी को एक लेटर लिखा। इस लेटर में पीएम से मानवीय आधार पर इस मामले में हस्तक्षेप देने और उनकी सैलरी के बकाए का भुगतान कराने की बात कही गई है।
जानिए किस बैंक का कितना माल लेकर भागे विजय माल्या
कर्मचारियों का कहना है कि उनको इनकम टैक्स विभाग की ओर से नोटिस मिल रहे हैं जबकि इसके लिए किंगफिशर एयरलाइंस जिम्मेदार है। हमारा कानून कर्मचारियों के हित की बात करता है लेकिन किंगफिशर के कर्मचारियों को लंबे वक्त से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जो कर्मचारी पैसा खर्च करके अदालत जा सकते थे वो वहां गए और उनके हक में फैसला भी हुआ। लेकिन कर्नाटक हाईकोर्ट में कर्मचारियों के वेतन भुगतान के बारे अभी भी कई याचिकाएं लंबित हैं।
दूसरी तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का कहना है कि सीबीआई प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करती है, ऐसे में बिना उनकी जानकारी में आए विजय माल्या देश छोड़कर कैसे भाग सकते हैं। पीएम को इस बात का जवाब देश को देना चाहिए। हालांकि इस मामले में सीबीआई साफ कर चुकी है कि माल्या को लेकर जारी किये गये पहले लुकआउट नोटिस में थोड़ी गलती हो गई थी। सीबीआई पर लुकआउट नोटिस में बदलाव करने के आरोप लग रहे हैं।
इस बीच प्रवर्तन निदेशालय ने विजय माल्या को 18 मार्च को एजेंसी के सामने पेश होने का समन जारी किया है, ताकि उनसे इस मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ की जा सके।