केदारनाथ के बाद आज खुले बद्रीनाथ धाम के कपाट, इस बार श्रद्धालुओं के लिए किए गए विशेष इंतजाम

देहरादून। चारों धामों में सबसे प्रमुख बद्रीनाथ धाम के कपाट आज सुबह श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। बद्रीनाथ धाम के कपाट सोमवार सुबह 4:30 बजे खुले। धाम को 20 क्विंटल गेंदे के फूलों के साथ सजाया गया है। अब छह महीने बदरीनाथ में भगवान के दर्शन होंगे। बता दें, कल केदारनाथ धाम के भी कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए हैं।
#Uttarakhand: The portals of Badrinath Temple opened at 4.30 am today amidst Vedic chanting and tunes of the Army band in Chamoli's Badrinath. (earlier visuals) pic.twitter.com/s3POjlnIVt
— ANI (@ANI) April 30, 2018
कपाट खुलने के बाद मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने गर्भगृह में जाकर इस वर्ष की पूजाएं शुरू की। साथ ही उद्धवजी व कुबेरजी को भगवान बदरी विशाल के साथ स्थापित कर दिया गया। विशेष पूजा-अर्चना के बाद चार बजकर 30 मिनट पर भगवान के दर्शन का सिलसिला शुरू हो गया। हजारों भक्त बाबा बद्रीनाथ के दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। जैसे ही पट खुले बाबा बद्रीनाथ का आशीर्वाद लेने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। सैकड़ों-हजारों किलोमीटर का सफर तय करके पहुंचे भक्तों में जबरदस्त उत्साह है। कपाट खुलते ही भगवान बदरी विशाल के जयकारों से बदरीनाथ धाम गूंज उठा।
बद्रीनाथ धाम में पहुंचने के लिए यात्रा मार्ग को सरल बना दिया गया है। बदरीनाथ हाईवे पर लामबगड़ भूस्खलन जोन को छोड़कर अन्य जगहों पर हाईवे पूरी तरह से सुरक्षित है। इसके साथ-साथ धाम में 15 हजार यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त धाम में असहाय और गरीब लोगों के लिए खाने और रहने के लिए मुफ्त में व्यवस्था की गई है।
भारत के चारधामों में एक उत्तर हिमालय में बदरीनाथ धाम को मोक्ष का धाम भी कहा जाता है। इस धाम की विशेषता यह है कि इसे सत युग में मुक्ति प्रदा, त्रेता में योग सिद्धिदा, द्वापर में विशाला ओर कलियुग मे बदरीकाश्रम नाम से पहचान मिली है।