गंगा को मिला पानी, मेला क्षेत्र जलमग्न

इलाहाबाद। मेला क्षेत्र में पहुंचे साधू-संत गंगा में पानी की कमी को लेकर बेहद परेशान थे। साधू-संतों की इस परेशानी से जिला प्रशासन की भी नींद उड़ी हुई थी कि पानी नहीं आया तो क्या होगा।
पानी की कमी देख साधू संत गंगा स्नान को लेकर विचलित हो रहे थे। लेकिन नरौरा से छोड़े जा रहे पानी का असर संगम क्षेत्र में आज देखने को मिल गया। पानी पहुंचने से जल स्तर लगभग दो फिट तक बढ़ गया।
गंगा में समाए पुल और अस्पताल
घाट के किनारे से बने पांटून पुल गंगा में समाहित हो गये। इससे आवागमन बाधित हो गया। उत्तराखण्ड और नरौरा से 26 दिसम्बर से प्रतिदिन 4 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। अचानक संगम क्षेत्र में पानी काफी तेजी से बहने लगा सुबह तक महाबीर पांटून के दो पीपे डूब गये। मेला स्थल के निचले इलाकों में पानी भर कर कैम्प तक पहुंच गया। मेला क्षेत्र में लगे तम्बू भी डूब गये। यहां तक कि निर्माणाधीन अस्थाई अस्पताल तक पानी पहुंच गया। पानी की गति कुछ धीमी हुई तो महाबीर पुल पर शहर की तरफ से डूबे पुल की मरम्मत का काम शुरू हुआ।
अधिशासी अभियंता हंसराज यादव के मुताबिक चार पीपे और लगाये जा रहे हैं जिसका काम आज पूरा कर दिया जायेगा। बाढ़ प्रखण्ड अभियंता मनोज कुमार का कहना है की गंगा का जल स्तर 19 सेंटी मीटर तक बढ़ा है। और अभी जल स्तर बढऩे की सम्भावना है लेकिन पानी बढऩे से कोई समस्या नहीं आएगी। कटान रोकने के लिए बालू भरी बोरियां गंगा के किनारे लगायी जा रही हैं जिससे गंगा के कटान को रोका जा सके। तेज बहाव से टूटी पाईप लाइन से पूरे मेले की वाटर सप्लाई बाधित है जिसपर तेजी से काम हो रहा है। गंगा में पानी आ जाने से साधू संतों के कोप से प्रशासन को राहत मिल गयी है।
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