नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस परेड हर साल की तरह इस बार भी खास होगी। लेकिन इस साल गणतंत्र दिवस परेड में कुछ बदलाव देखने को मिलेंगे। परेड का समय 115 मिनट से घटाकर 90 मिनट कर दिया गया है। इसके अलावा कुछ दूसरे नए बदलाव है जो इस साल गणतंत्र दिवस परेड में देखने को मिलेंगे ।
गणतंत्र दिवस परेड में इंडियन आर्मी डॉग स्क्वैड
26 साल के बाद, इंडियन आर्मी डॉग स्क्वैड राजपथ पर उतरेगी। यह टीम कई आतंक निरोधी ऑपरेशन्स में कई सैनिकों की जान बचा चुकी है। सेना के पास 1,200 लेब्राडोर्स और जर्मन शेफर्ड्स हैं। उनमें से 36 कैनीस को राजपथ पर उनके हैंडलर्स के साथ परेड के लिए चुना गया है।
फ्रेंच कन्टिंजेंट भी शामिल होगा
गणतंत्र दिवस परेड के इतिहास में पहली बार एक विदेशी सैन्य टुकड़ी राजपथ पर भारतीय सैन्य टुकड़ियों के साथ फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रैंकोइस ओलान्दे के सामने मार्च करेगी। यह कदम 2009 में फ्रांस की तरफ से भारत के लिए दिए गए खास अवसर के बदले में उठाया जा रहा है। 14 जुलाई, 2009 को भारतीय सेना की सबसे पुरानी रेजीमेंट्स में से एक मराठा लाइट इन्फैंट्री ने फ्रांसीसी सेना के साथ पेरिस के कैम्प्स एलिसी में मार्च किया था। यह अवसर बैस्टिल डे था, जो कि फ्रांसीसी क्रांति की प्रतीकात्मक शुरुआत माना जाता है।
ऑल वीमेन स्टंट कंटिंजेंट
गणतंत्र दिवस परेड के मौके पर सभी महिलाओं वाली टुकड़ियां शामिल होती रही हैं। लेकिन, इस बार पहली बार सेंट्रल रिजर्व पुलिस की ऑल वीमेन कन्टिंजेंट परेड के दौरान मोटरसाइकिल पर करतबों के साथ अपनी राइडिंग स्किल्स का प्रदर्शन करेंगी। ‘वीमेन डेयरडेविल्स सीआरपीएफ’ टुकड़ी में सीआरपीएफ की तीन बैटालियन्स और रैपिड एक्शन फोर्स की 120 महिलाएं हैं। इस टुकड़ी को 2014 में बनाया गया था।
नहीं दिखेगी कैमेल कन्टिंजेंट
गणतंत्र दिवस की परेड के इतिहास में पहली बार बॉर्डर सिक्योरिटी कैमेल कन्टिंजेंट राजपथ पर नहीं उतरेगी। आधिकारिक निर्देशों के अभाव में 90 सदस्यीय बीएसएफ ऊंटों पर आधारित टुकड़ियां और बैंड कन्टिंजेंट ड्रेस रिहर्सल्स के दौरान रिहर्सल नहीं कर रही हैं। यह भव्य टुकड़ी सबसे पहली बार 1976 में राष्ट्रीय उत्सव के मौके पर आयोजन में हिस्सा बनी थी। इस टुकड़ी ने 1950 में हुए पहले कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाली पहली टुकड़ी का स्थान लिया था।
नो सीआरपीएफ, आईटीबीपी कंटिंजेंट्स
सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स, इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस, सशस्त्र सीमा बल की पैरामिलिट्री फोर्सेस की टुकड़ियां पहली बार 2016 परेड में हिस्सा नहीं लेंगी। ऐसा माना जा रहा है, कि ऐसा परेड में लगने वाले कुल समय में कटौती करने के चलते किया जा रहा है। साथ ही एक जैसी बर्दी वाली टुकड़ियों के प्रदर्शन की वजह से एकरसता को कम करने के लिए भी ऐसा किया गया है।