जावीद अहमद बने रहेंगे यूपी के डीजीपी, याचिका खारिज

लखनऊ। जावीद अहमद यूपी के डीजीपी बने रहेंगे। आईपीएस जावीद अहमद की नियुक्ति को लेकर की गई याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सोमवार को खारिज कर दिया। एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने जावीद अहमद की नियुक्ति के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका की थी।
जावीद अहमद का नंबर 13 आईपीएस के बाद था
जस्टिस एसएन शुक्ला और जस्टिस अशोक पाल सिंह की बेंच ने कहा कि याची के अधिवक्ता ने कहा कि जावीद अहमद को यूपी के आईपीएस अफसरों में क्रम संख्या 14 पर होने के बाद भी डीजीपी बना दिया गया जो सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार में दिए गए आदेश के खिलाफ है। कोर्ट के अनुसार नूतन ने विभिन्न हाई कोर्ट के आदेश प्रस्तुत करते हुए कहा है कि ऐसे मामले में अधिकार पृच्छा का परमादेश जरी किया जा सकता है क्योंकि जावीद अहमद इस पद पर विधिविरुद्ध तरीके से काबिज हैं।
डीजीपी नियुक्ति का मामला सुप्रीम कोर्ट में
कोर्ट के अनुसार महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह ने कहा कि डीजीपी की नियुक्ति का मामला पहले से सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका और हाई कोर्ट ने दूसरे रिट याचिका में विचरण हो रहा है। कोर्ट ने अधिकार पृच्छा के परमादेश का विश्लेषण करते हुए कहा कि चूँकि वरिष्ठता के अलावा सुप्रीम कोर्ट द्वारा अन्य भी शर्तें लगायी गयी हैं, अतः चयन समिति को जावीद अहमद के नाम की संस्तुति करने का अधिकार था। कोर्ट ने कहा कि अनुपयुक्तता अधिकार पृच्छा का परमादेश जारी करने का आधार नहीं हो सकता है।
कोर्ट ने कहा कि यह मामला वैसे भी सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका में सुना जा रहा है, अतः अधिकार पृच्छा का परमादेश पोषणीय नहीं है और याचिका को पोषणीय नहीं होने के आधार पर ख़ारिज किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि नूतन ठाकुर ने डीजीपी जावीद अहमद की नियुक्ति को कोर्ट में चुनौती दी थी।