गूगल ने बताया, आखिर क्यों कहा था जेएनयू को ‘एंटी-नेशनल’

नई दिल्ली। बीते 9 फरवरी को दिल्ली स्थित जेएनयू कैंपस में देश विरोधी नारेबाजी के बाद से जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के साथ ही कुछ अन्य छात्रों पर इस बाबत केस भी चल रहा है। लेकिन इन सब के बीच तकनीक की दुविधा यह है कि अगर आप गूगल मैप पर एंटी-नेशनल सर्च करते हैं तो यह आपको जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी का नक्शा दिख रहा है। जिसके बाद अब गूगल ने इसपर सफाई दी है। गूगल ने इसके लिए एक बग को जिम्मेदार बताया है और कहा है कि इसे ठीक किया जा रहा है।
जेएनयू से पहले पीएम मोदी को गूगल ने क्रिमिनल बताया था
गौरतलब है कि गूगल मैप्स पर सेडिशन, फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन और पेट्रियटिज़म जैसे शब्द सर्च करने पर भी जेएनयू का नक्शा आ रहा है। इनटॉलरंस, कन्हैया कुमार और स्मृति ईरानी सर्च करने पर भी ऐसा ही हो रहा है। सेंट्रल यूनिवर्सिटी के गूगल रिव्यूज़ पढ़ें तो पता चलता है कि यह पिछले हफ्ते से हो रहा है। गूगल के प्रवक्ता ने टाइम्स ऑफ इंडिया को ईमेल के जरिए बताया कि यह एक बग की वजह से हुआ। मेल में कहा गया गया है कि गूगल मैप के रिजल्ट इंटरनेट पर कई जगहों से जानकारी लेने के बाद दिखते हैं। एंटी नेशनल, कन्हैया कुमार और जेएनयू इतने ज्यादा चर्चा में रहे कि वे मैप्स के साथ असोसिएट हो गए। इसी वजह से ऐसा रिजल्ट देखने को मिला। बता दें कि जुलाई 2015 में प्रधानमंत्री मोदी की इमेज टॉप 10 क्रिमिनल्स इन द वर्ल्ड सर्च करने पर दिखने लगी थी। गूगल ने उस वक्त इसके लिए खेद प्रकट किया था।
क्या था जेएनयू मामला
जेएनयू में अफजल गुरु पर कार्यक्रम के आयोजन और देश विरोधी नारेबाजी को लेकर दिल्ली पुलिस ने कन्हैया कुमार को अरेस्ट किया था। उनके अलावा अनिर्बान भट्टाचार्य और उमर खालिद नाम के छात्रों की भी गिरफ्तारी हुई थी। इन सभी पर राजद्रोह का मामला चल रहा है और अभी तीनों जमानत पर रिहा हैं।