पुणे। दस साल पुराने मर्डर केस का सच सामने आया है। पुणे में यह केस चर्चा का विषय बन गया था। लेकिन केस के दस साल बाद कागजों ने इसका रहस्य खोल दिया है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
दस साल पुराने मर्डर केस में पुलिस ने किया माथापच्ची
पुणे पुलिस ने दस साल पुराने मर्डर केस में आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने एक फ्लैट अपने नाम करवाने के लिए नकली दस्तावेज बनवाए और फिर उन नकली दस्तावेजों की मदद से पुलिस आरोपी तक पहुंच गई और उसे गिरफ्तार कर लिया।
महिला से थे प्रेम संबंध
पुलिस ने बताया कि आरोपी का नाम संतोष कातोरे है और वह सूर्यप्रकाश फाउंडेशन नाम की एक संस्था चलाता है। पुलिस के मुताबिक, संतोष के अर्चना सांगले नाम की एक महिला से प्रेम संबंध थे। अर्चना पहले से शादीशुदा थी। अर्चना का अक्सर अपने पति से झगड़ा होता था और इसी वजह से वह अपने पति से अलग हो गई थी।
पुलिस ने दो साल बाद किया गिरफ्तार
15 दिसंबर 2005 में अर्चना और संतोष ने अपने नाम पर पुणे के पॉश बानेर इलाके में एक फ्लैट लिया और साथ रहने लगे। 4 नवंबर 2006 को अर्चना अचानक लापता हो गई। अर्चना के पिता ने पुलिस में मामला भी दर्ज करवाया। जिसके बाद 26 मई 2007 को संतोष को हिरासत में भी लिया गया था।
सबूत नहीं होने की वजह से कर दिया रिहा
संतोष के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं होने की वजह से उसे रिहा कर दिया गया। पुलिस के मुताबिक, संतोष ने फ्लैट अपने नाम करवाने के लिए अर्चना के नाम पर दूसरी महिला के फर्जी कागजात बनवाए और 6 फरवरी 2012 को फ्लैट अपने नाम करवा लिया। इस मामले की पूछताछ में पुलिस को सुराग मिल गया।
फ्लैट बेचने को लेकर होता था झगड़ा
जिसके बाद पुलिस ने 17 जनवरी को संतोष को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी संतोष ने पुलिस को बताया कि फ्लैट बेचने को लेकर उन दोनों में अक्सर झगड़ा होता था। संतोष ने अर्चना को रास्ते से हटाने का प्लान तैयार किया और उसे कोल्हापुर स्थित एक मंदिर में दर्शन करवाने के लिए ले गया।
गला घोंटकर उतारा था मौत के घाट
संतोष ने कबूल किया कि उसने अर्चना का गला घोंटकर उसे मौत के घाट उतारा था और उसकी लाश को मछिंद्रगढ़ किले में फेंक दिया था। फिलहाल पुलिस आरोपी के बयानों की तस्दीक कर रही है। 10 साल से पुलिस को गुमराह कर रहा आरोपी संतोष कातोरे सेक्स रैकेट में भी शामिल रहा है।