पर्रिकर ये क्या बोल गये

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सोमवार को जोर देकर कहरा है कि जो भी शख्स या संगठन भारत को दर्द देगा, उसे उसी तरह से भुगतान करना होगा लेकिन यह कैसे, कब और कहां होगा, वह हमारी पसंद के अनुरूप होगा। रक्षा मंत्री की यह टिप्पणी पठानकोठ आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में सामने आई है।
भारतीय खुफिया सूत्रों व देश की रक्षा से जुड़े अधिकारियों का दावा है कि पठानकोट हमले की रणनीति रावलपिंडी स्थित सेना के मुख्यालय में बनी। इसमें आईएसआई भी शामिल थी। हालांकि इस दावे को सही साबित करने के लिए जो साक्ष्य और प्रमाण हैं उन्हें पाकिस्तान ने खारिज कर दिया है और भारत से ठोस सबूत देने को कहा है।
सेना प्रमुख जनरल दलवीर सिंह सुहाग समेत सेना के शीर्ष अधिकारियों एवं अन्य लोगों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि इतिहास हमें यह बताता है कि जो लोग नुकसान पहुंचाते हैं, जब तक उन्हें उस दर्द की अनुभूति नहीं होती, वे नहीं बदलते हैं।
रक्षा मंत्री का दर्द समझ सकते हैं लेकिन उन्हें यह सोचना चाहिए कि क्या पाकिस्तान भारत को जो दर्द दे रहा है वह ऐलानिया दे रहा है। भारत की ओर से भी जो कुछ हो वह इस तरह ऐलानिया तो नहीं होना चाहिए। जबकि पूरे विश्व की निगाहें हम पर हैं। यदि ये सिर्फ जबानी जमा खर्च है तो भी सस्ती लोकप्रियता के लिए ऐसा नहीं होना चाहिए।
पर्रिकर जी कर के दिखाइये
हमारे पास ठोस सबूत हैं तो देर किस बात की भारत को पाकिस्तान में घुस कर देश के दुश्मनो को मार गिराना चाहिए। ये पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान की ओर से हमें दर्द मिला है। यह 1971 के बाद से लगातार मिल रहा है। 1980 से कश्मीर सुलग रहा है। लगातार देश में आतंकी हमले हो रहे हैं। लेकिन हमारी कमी यह है कि हमले के बाद कुछ दिन हम हो हल्ला करते हैं और उसके बाद शांत बैठ जाते हैं जबकि उधर से एक हमले के तत्काल बाद दूसरे की तैयारी शुरू हो जाती है। जो कुछ भी करना है करिये मगर कम से कम उतना गोपनीयता तो बरकरार रखें। होना यही चाहिए कि कामयाबी के बाद दुश्मन को खबर हो।