पुलिस का यही रूप तो चाहिए

कानपुर। अपनी कार्यशैली को लेकर हमेशा कोसी जाने वाली यूपी पुलिस का एक ऐसा रूप देख किसे सुकून नहीं मिलेगा। हम सब को पुलिस के इसी शक्ल की दरकार रहती है। जो कभी कभी देखने को ही मिल पाती है। लेकिन शहर में यह रूप देखने को मिला। जब दुर्घटना में घायल भाई बहन को अस्पताल पहुंचाने के लिए थानेदार ने एम्बुलेंस का इन्तजार किये बगैर अपनी जीप से ही अस्पताल पहुँचाया। अस्पताल में पहले से खड़े चौकी के दरोगा व सिपाहियों ने बिना कर्मचारियों का इंतजार किये स्ट्रेचर लाकर दोनों घायलों को भर्ती कराया। सभी परिजनों के आने तक वहीं मुस्तैद रहे।
शहर के सीएसजेएम यूनिवर्सिटी के पास एक कार ने बाइक में टक्कर मार दी। जिससे बाइक सवार फजलगंज निवासी भाई बहन अफजल व असमा गम्भीर रूप से घायल हो गए। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने एम्बुलेंस के लिए 108 नंबर डायल कर दिया। लेकिन आधे घण्टे तक एम्बुलेंस नहीं पहुंची। तब तक दोनों घायल तड़पते रहे। इसी बीच स्वरूप नगर इंस्पेक्टर कमल यादव वहीं से निकल रहे थे। उनकी नजर घायलों पर पड़ी तो सीमा विवाद और एम्बुलेंस के चक्कर को नजरंदाज कर वह घायलों को जीप में लादकर हैलट पहुंचे। जहाँ पहले से ही चौकी इंचार्ज संजय सिंह व सिपाही स्ट्रेचर लिए खड़े मिले। बाद में जब घायलों के पिता इस्तियाक अहमद अस्पताल पहुंचे तब सभी इमरजेंसी से गए।
पुलिस को सबने सराहा
पुलिस की इस कार्यशैली को जिसने भी देखा या सुना, सराहना किये बिना नहीं रहा| अधिकारियों ने भी इन कर्मचारियों की पीठ थपथपाई है| लोगों का कहना है कि अगर अपने प्रदेश की पुलिस का चेहरा ऐसा हो जाये तो लोगों का भरोसा निश्चित तौर पर बढेगा| आमजन राहत महसूस करेंगे| अधिकारियों को भी चाहिए कि वे ऐसे पुलिस वालों का उत्साह्बर्धन करें जिससे बाकी पुलिस वाले भी ऐसे कार्यों के लिए प्रेरित हो सकें|