देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अब से अपने मंत्रियों पर भी लगाम लगाएंगे। दरअसल, भाजपा सरकार उत्तराखंड में भारी-भरकम बहुमत के साथ सत्ता में आई है जिसके साथ अब राज्य सरकार पर जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का अच्छा खासा दबाव है। ऐसे में अगर राज्य सरकार अच्छे से काम नहीं करेगी तो इसका सीधा असर आने वाले विधानसभा चुनावों पर पड़ेगा। हालांकि राज्य सरकार ने पहले ही दिन से भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति का ऐलान कर दिया था। सीएम रावत ने यह भी कहा था कि उनके मंत्री जनता से सीधे रूबरू होंगे ताकि वो जनता की परेशानियों का समाधान निकल सकें।
भाजपा सरकार विकास के इंजन को दे रही रफ़्तार
प्रदेश का हर तरीके से विकास करना त्रिवेंद्र सरकार के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है। इसके लिए सीएम रावत ने सभी विभागों और उनमें संचालित विकास योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में सीएम रावत ने मंत्रियों की मौजूदगी में उनके तमाम विभागों की समीक्षा का फैसला भी लिया, लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सामने अभी भी नौकरशाही को साधने की चुनौती कायम है।
बताते चलें, नौकरशाही का मुद्दा भाजपा के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के बयान से एक बार फिर उछला था, जिसके बाद यह बात एक बार फिर उभर कर आई कि नौकरशाही अब भी मनमानी कर रही है। खबर यह भी है कि केंद्र सरकार ने त्रिवेंद्र सरकार को हर महीने समीक्षा बैठक करने के निर्देश दिए गए हैं।
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केंद्र सरकार से मिले निर्देशों के बाद सीएम रावत ने अपने सभी मंत्रियों को उन जिलों में हर महीने समीक्षा बैठक करने के निर्देश जारी कर दिए हैं, जिनके वे प्रभारी हैं। इन समीक्षा बैठकों में जिलों में विकास योजनाओं के साथ विभागीय कार्यों की विस्तार से समीक्षा की जाएगी। साथ ही, सभी मंत्रियों को जिला स्तर पर जनता दर्शन कार्यक्रम आयोजित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।