मनोहर पर्रिकर: कुछ न कुछ करना बहुत जरूरी

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने देश के दुश्मनों को चेतावनी देते हुए कहा है कि अब भारत देश के सहने की क्षमता खत्म हो गई है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि कुछ न कुछ करना है। पर्रिकर शनिवार को कुछ ज्यादा ही आक्रामक मूड में थे। इसके बाद पर्रिकर ने खुफिया एजेंसी के साथ बैठक भी की।
मनोहर पर्रिकर: आईएसआई के जाल में न फंसे जवान
इससे पहले रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा था कि दुश्मन को वैसे ही दर्द का अहसास कराना जरूरी होता है। इसके लिए जगह और वक्त हम खुद तय करेंगे। इसके साथ ही पर्रिकर ने कहा कि सावधानी बरती जा रही है, ताकि हमारे जवान आईएसआई के जाल में न फंसें।
ऐसे ही जाल में फंस गए थे रंजीत
रक्षा मंत्री ने इस मौके पर एयरफोर्स के अधिकारी केके रंजीत के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि रंजीत फेसबुक के जरिए दामिनी नाम की एक महिला को एयरफोर्स के बारे में अहम जानकारी दे दी थी। उस महिला ने खुद को एक मैगजीन की रिपोर्टर बताया था। वह पाकिस्तान में बैठकर यह सब कर रही थी। इसके बाद रंजीत को सस्पेंड कर गिरफ्तार कर लिया गया था।
बरती जा रहीं हैं सावधानियां
ऐसे मामलों को लेकर मनोहर पर्रिकर ने कहा कि इस प्रकार के मामलों को रोकने के लिए सभी प्रकार की सावधानियां बरती जा रही हैं। ये मामले अभी निचले स्तर तक ही सीमित हैं। पर्रिकर ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि जासूसी जैसी चीजें उच्च स्तर पर होती हैं। कुछ चीजें सामने आई हैं लेकिन वे निचले स्तर पर हैं। जब हम सतर्क होते हैं तो लालच देकर जाल में फंसने जैसी चीजें आम तौर पर नहीं हो पाती।
भर्ती और ट्रेनिंग के समय ही देंगे ध्यान
रक्षा मंत्री पर्रिकर ने बताया कि जवान ऐसे किसी जाल में न फंसें, इसके लिए भर्ती और ट्रेनिंग के समय ही ध्यान रखते हैं। जवानों के सोशल नेटवसाइटों का इस्तेमाल करने को लेकर स्पष्ट दिशा निर्देश और आचार संहिता भी है।