‘मैंने भी अपमान सहा है, मैं जानता हूं इसका दर्द क्या होता है’

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार दलितों के सशक्तिकरण के लिए काम कर रही है। दलित इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि हमारी सरकार आपकी सरकार है। हम आपके सशक्तिकरण के लिए काम कर रहे हैं। आर्थिक रूप से सभी को साथ लेकर चलने पर हमारा मुख्य जोर है। हम रोजगार पैदा करने वालों को पैदा करना चाहते हैं, न कि रोजगार चाहने वालों को।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि बाबा साहेब अंबेडकर हमारे संविधान के निर्माता हैं। लेकिन, बहुत से लोग नहीं जानते कि वह एक बहुत अच्छे अर्थशास्त्री भी थे। बाबा साहेब ने सही कहा था कि औद्योगीकरण से हमारे दलित भाइयों-बहनों को सर्वाधिक लाभ होगा। मोदी बोले, अपमान क्या होता है और हम जानते हैं कि इसकी चुभन क्या है। हम अच्छे कपड़े पहन कर निकल जाएं तो सामंती विचार सोचता है कि अच्छा अच्छे कपड़े पहना है और ये आज भी है समाज में। पर आपको ये बात ध्यान रखना चाहिए कि दिल्ली में आपका अपना कोई बैठा है।
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पीएम मोदी ने कहा कि बाबा साहेब एक अर्थशास्त्री भी थे और रिजर्व बैंक की कल्पना की थी, पर दुख तब होता है जब किसी दलित को लोन चाहिए तो लोहे के चने चबाने होते हैं। देश का इतना बड़ा वर्ग जो कसौटी पर कसा हुआ वर्ग है। ये वो वर्ग है जिसने हर अपमान झेला है और कसौटी से कसता कसता निकला है। उसकी ताकत का अहसास मुझे है।
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पीएम मोदी ने कहा कि समाज के नीचे के तबके के लोग जब मजबूत होगा तो ही देश मजबूत होगा। ये देश के साथ कंधा मिलाकर चलना चाहते हैं। भारत के पास 65 प्रतिशत लोग 35 साल से कम उम्र के हैं। उनका हौसला बुलंद करना है कि वो बढ़ें और 2 लोगों को और बढ़ाएं। 10 साल की यात्रा से हमने पाया है कि देश प्रगति करेगा।