संत समाज प्रशासन की कार्रवाई से आक्रोशित

इलाहाबाद। माघ मेले में जमीन आवंटन का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। मेला प्रशासन और खाक चौक समिति के संतो के बीच विवाद बढ़ रहा है। मेले में जमीन आवंटन को लेकर पिछले दिनों आमरण अनशन पर बैठे खाक चौक समिति के संत बालकदास को देर रात एसडीएम ने भारी पुलिस बल के साथ उठा कर अस्पताल में भर्ती करा दिया। प्रशासन की इस कार्रवाई से संतो के बीच काफी आक्रोश नजर आ रहा है।
प्रशासन के गले की हडड़ी बना संत समाज का विवाद
माघ मेले में पिछले दो महीने से विवाद चल रहा है। मेला शुरू होने से पहले महन्त माधवदास व संतोषदास उर्फ सतुआ बाबा के बीच विवाद हो गया था। जिलाधिकारी ने हस्तक्षेप करते हुए जमीन का बंटवारा कर दिया। इसके बाद माधवदास अपने संतों के साथ तीन दिन पहले माघ मेले में आमरण अनशन पर बैठे। आमरण अनशन से जिला प्रशासन की नींद उड गई। इसके लिए कमिश्नर राजन शुक्ला ने विवाद सुलझाने को लेकर दोनों पक्षों के साथ बैठक की। बैठक के बाद माधवदास ने हाईकोर्ट में जमीन को लेकर दायर याचिका को सोमवार को वापस ले लिया। इसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि शाम तक जमीन मामला आसानी से सुलझ जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब संत बालकदास को उठाकर अस्पताल में भर्ती कराने और पंडाल खाली कराने की पुलिस की इस कार्रवाई से संतों के बीच काफी आक्रोश की लहर देखी जा रही है। पुलिस कार्रवाई के दौरान संतों ने काफी बवाल भी किया लेकिन उनकी एक न चली। पुलिस ने सबको बाहर कर दिया। अब संतों का कहना है कि यदि प्रशासन अपने इस कार्य के लिए माफी मांगे वरना सभी संत धरने पर बैठ जाएंगे, प्रशासन सबको उठाकर ले चले। अधिकारियोंं का मानना है कि जल्द ही मामला हल हो जाएगा। बातचीत जारी है।