अब लखनऊ में भी बनेगा साइबर थाना

लखनऊ। राजधानी में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं को देखते हुए मुख्य सचिव आलोक रंजन ने लखनऊ व नोएडा में साइबर थाना स्थापित करने का निर्देश दिया है। वर्ष 2015 में भूमि विवाद की वजह से हत्या की घटनाओं का ग्राफ बढ़ने से प्रदेश सरकार की चिन्ता बढ़ गई है। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने भूमि विवादों के निपटारे के लिए सात फरवरी से दो माह का अभियान चलाने का निर्देश दिया है। थानों का निरीक्षण न करने वाले प्रदेश के नौ जिलाधिकारियों के प्रति नाराजगी जताते हुए उन्होंने स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश भी दिया। मुख्य सचिव बुधवार को शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में प्रदेश की कानून-व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक घटना का अंदेशा होने पर समय से जरूरी कार्रवाई न करने पर संबंधित सीओ, एसडीएम व थानाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने साइबर क्राइम रोकने के लिए साइबर लैब की स्थापना के साथ-साथ लखनऊ व नोएडा में साइबर थाना स्थापित किया जाए।
दो महिला कांस्टेबल हो तैनात
महिलाओं की शिकायतें दर्ज कराने में उनकी सहायता के लिए सभी थानों में कम से कम दो महिला कांस्टेबल अवश्य तैनात हों। थानों के कार्यो की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने की कार्यवाही की जाए। यह प्रयास हो कि कम से कम 272 थानों में प्रथम चरण में सीसीटीवी कैमरे लगा दिए जाएं।
नौ जिलों के डीएम-एसपी को फटकार
मुख्य सचिव ने जेलों से होने वाले अपराध की रोकथाम के लिए जेलों में जैमर व सीसीटीवी शीघ्र लगवाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को थानों का निरीक्षण नियमित रूप से करने का निर्देश दिया। नौ जिलों बिजनौर, मुरादाबाद, कासगंज, कानपुर नगर, हरदोई, लखीमपुरी खीरी, फैजाबाद व कुशीनगर के जिलाधिकारियों द्वारा थानों का निरीक्षण न किए जाने पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया है।