सिखों के करतब देख रह गये दंग

आगरा। शहर की सड़कों पर रविवार को सरदार तीर, तलवार, लाठी-डंडों संग आग उगलते हुए निकले। जगह जगह रुक कर जमकर जोर आजमाइश करते सिखों को देखने पूरा शहर उमड़ पड़ा। दरअसल आज सिख समाज के दसवें गुरु गोविन्द सिंह के प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य नगर कीर्तन निकाला जा रहा था। इसमें सभी गुरुद्वारों की संगत भाग ले रही थी।
आगरा के गुरुद्वारा गुरु के ताल के गुरु बाबा प्रीतम सिंह के नेतृत्व में रणजीत अखाड़े के सदस्यों ने कीर्तन दरबार की अगुवानी में जगह-जगह शस्त्र विद्या का प्रदर्शन करते हुए लोगों को आत्म रक्षा के गुर सिखाये।
आज सुबह गुरुद्वारा माइथान में कीर्तन दरबार से प्रकाशोत्सव की शुरुआत हुई। प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में गुरुद्वारा माइथान से सदर स्थित गुरुद्वारा कलीधर तक विशाल नगर कीर्तन निकाला। भव्य फूलों की बारिश करती हुई तोपें, शहर भर के तमाम बैंडों की थाप पर पंच प्यारों की अगुवाई करते हुए महिलाएं और बच्चे झाड़ू हाथ में लेकर पंचों के रास्ते को साफ़ करते हुए चल रहे थे। सबसे आगे रणजीत अखाड़े के सदस्य अपने युद्ध कौशल का प्रदर्शन करते चल रहे थे। हाथ में तलवार लेकर हवा में उड़ते हुए सिखों को देखने के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा था। एक अकेला सिख लाठी के दम पर दस को पछाड़ रहा था। छोटा सा सरदार बाबा प्रीतम सिंह से मोर्चा ले रहा था तो बाबा ने उसे भी आशीर्वाद दिया। जब लोगो ने सिख योद्धा को आग उगलते देखा तो सबके रौंगटे खड़े हो गए।
सिखों ने हमेशा दूसरों की रक्षा के लिए शस्त्र उठाया है
अंत में अखाड़े के गुरु बाबा प्रीतम सिंह ने कटार को बालक के ह्रदय पर रख उसके ऊपर नारियल रखकर तोड़ा और साथ ही साथ सर, हाथ और मिटटी के घड़े पर रखकर नारियल तोड़ा तो सब देखते ही रह गए। बाबा प्रीतम सिंह ने बताया की सिख समाज हमेशा दूसरों की सुरक्षा के लिए शस्त्र उठाता है और आज के दिन हमारे अखाड़े के जवान शिष्य अपने युद्ध कौशल का प्रदर्शन कर लोगों को आत्म रक्षा में निपुण होने का सन्देश दिया।