गौमूत्र से 400 घण्टे रोशनी, चार्ज होंगे मोबाइल

कानपुर। गाय पौराणिक युग से आज तक बहुत महत्वपूर्ण है। उसका मूत्र और गोबर जीवन के लिए बहुपयोगी साबित हो रहे हैं। इनमें लगातार शोध होते रहते हैं और हर बार एक नई खोज निकलकर सामने आती है। शहर स्थित कानपुर गौशाला सोसायटी को इस क्षेत्र में एक और कामयाबी मिली है। यहां 400 मिलीलीटर गौमूत्र से 400 घण्टे तक लगातार रोशनी देने वाली गौ ज्योति बनाने में सफलता प्राप्त हुई है।
इसकी एक खास बात और है कि तय समय के बाद डिस्चार्ज होने वाली बैटरी गौमूत्र डालते ही फिर चार्ज हो जाती है। इसे राष्ट्रीय प्रौद्योगिक संस्थान (एनआइटी) रायपुर और राजीव गांधी शोध संस्थान भोपाल से मान्यता भी मिल चुकी है। एनआइटी के निदेशक डा. व्ही के सेठी ने प्रमाणपत्र देते हुए कहा कि इसे ग्रामीणांचल में हरित ऊर्जा के तौर पर वैकल्पिक माध्यम के रूप में स्थापित किया जा सकता है। वहीँ सोसायटी के संचालक पुरुषोत्तम तोषनीवाल ने बताया कि गौ ज्योति निरन्तर एक जैसी रौशनी देती है। इससे किसी भी प्रकार के करन्ट या एनी खतरे की भी कोई गुंजाइश नहीं है।
यह है गौ ज्योति
गौ ज्योति 12 वोल्ट की बैटरी के बॉक्स में निर्मित की गई है। इसमें तीन वाट का एलईडी बल्ब, इतने ही पावर का टेबल लैंप व सभी तरह के मोबाइल चार्ज करने के लिए प्लग लगे हैं। इसमें तीनो काम एक एक साथ किये जा सकते हैं।
साढ़े तीन हजार की लागत
गौ ज्योति के निर्माण में शुरुआती लागत 3500 रूपये आ रही है। इसका बड़े पैमाने पर उत्पाद शुरू होने के बाद कीमत एक हजार से 15 सौ के आसपास आएगी। गौशाला के संचालक इसके लिए प्रयास में जुट गए हैं।