फेसबुक पर मिशन आक्रोश ने हिला दिया पूरा पुलिस डिपार्टमेंट

हरिद्वार। उत्तराखंड में फेसबुक पर चल रही एक पोस्ट ने हंगामा मचा दिया है। डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस को टारगेट करके लिखी गई मिशन आक्रोश नामक इस पोस्ट पर मामला इतना गंभीर हो गया है कि ज्वालापुर कोतवाली में मुकदमा तक दर्ज हो गया है। खास बात यह कि इस पोस्ट के लिए कुछ पुलिसकर्मियों को जिम्मेदार माना जा रहा है। मगर ये कौन पुलिसवाले हैं यह कोई नहीं जान पा रहा है। इसलिए मुकदमा अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ लिखा गया है।
क्या है मिशन आक्रोश
2007 से पहले भर्ती हुए पुलिस कर्मचारियों ने वेतन विसंगति एवं एरियर भुगतान को लेकर 2015 के अगस्त में मिशन आक्रोश की नींव रखी थी। बेहद अनुशासित माने जाने वाले पुलिस महकमे में इस प्रकार के मिशन आक्रोश आंदोलन के कारण कई पुलिसकर्मी बर्खास्त और निलंबित भी किए थे। उसके बाद प्रदेश के डीजीपी बीएस सिद्धू ने मीडिया में बयान दिया था कि यदि वे 31 दिसंबर तक वेतन विसंगति दूर नहीं करा पाए तो इस्तीफा दे देंगे। अब 31 दिसंबर गुजरने के बाद मिशन आक्रोश की सुगबुगाहट फिर शुरू हो गई है।
यह लिखा गया है फेसबुक पेज पर
तीन जनवरी 2016 को फेसबुक पर उत्तराखंड पुलिस के नाम से बने एकाउंट पर एक पोस्ट डाली गई है। इसमें लिखा गया कि 31 दिसंबर को गुजरे कई दिन हो गए हैं, लेकिन डीजीपी ने वादा पूरा नहीं किया। अब सातवें वेतनमान की सिफारिश भी जल्द लागू हो सकती हैं, ऐसे में उनका क्या होगा। पोस्ट में यह भी लिखा है कि किसी की कुर्बानी काम आएगी। हमने अपने साथियों को पृथक यानी अलग होते हुए देखा है। उनकी कुर्बानी बेवजह ही नहीं थी
क्या कहते हैं पुलिस अफसर
पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू का इस बारे में कहना है कि पे-स्केल की मांग पूरी कर कर दी गई थी और इस आशय का आदेश भी जारी हो चुका है। अब एरियर ही मिलना बाकी है। मुख्यमंत्री राज्य स्थापना दिवस के अवसर एरियर भुगतान की घोषणा कर चुके हैं, यह मामला शासन में विचाराधीन है।
उधर, एसपी सिटी नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। पोस्ट कहां से अपलोड की गई है, उस यूजर को चिह्नित किया जा रहा है।