यूरोप और इस्लाम के बीच एक अंगूठी का रिश्ता

लंदन। आज के दौर में यूरोप के लोग इस्लाम धर्म को भले सम्मान की नजर से न देखें। लेकिन कभी इसी यूरोप का इतिहास मुस्लिमों से जुड़ा रहा है। एक नए शोध में इसका खुलासा हुआ है।
स्वीडन के बिरका में मिली एक महिला की ममी से बेहद कीमती अंगूठी मिली है। खोजकर्ताओं के मुताबिक इस अंगूठी पर ‘अल्लाह के लिए’ लिखा है।
स्वीडिश खोजकर्ता जलमर स्टोल्प ने बताया कि बिरका की गुफाओं में मिली अंगूठी नौंवी सदी की है। माना जा रहा है कि महिला की मौत उसी समय हुई होगी। यह महिला जलदस्युओं से जुड़ी रही है।
स्टोल्प के मुताबिक अंगूठी बेहद कीमती है। इस पर चांदी की परत है। बीच में एक पत्थर लगा है, जिस पर पौराणिक क्यूफिक अरेबिक भाषा में लिखा है ‘अल्लाह के लिए’।
हालांकि अभी यह साफ नहीं हो पाया है यह अंगूठी महिला के पास कैसे पहुंची। यह अभी तक खोजी गई अकेली ऐसी चीज है, जो यूरोप का रिश्ता इस्लाम से जोड़ती है।
खोजकर्ता स्टोल्प के मुताबिक नौंवी सदी की इस ममी ने स्कैन्डीनेवियाई ड्रेस पहनी है। यानी महिला यूरोपियन ही है। लेकिन संभवत: उसने अंगूठी कहीं से खरीदी हो।
स्टाकहोम यूनिवर्सिटी के जीव विज्ञानी सेबेस्टियन वार्मलैण्डर के नए शोध में अंगूठी के इतिहास से जुड़े कुछ नए तथ्य भी सामने आए हैं। शोधकर्ता इलेक्ट्रान माइक्रास्कोप तकनीक से अंगूठी की उत्पत्ति का समय पता करने की कोशिश कर रहे हैं।
सेबेस्टियन के मुताबिक इस अंगूठी में लगा मोती दरअसल एक खास तरह का रंगीन कांच है। यह एक दौर में जलदस्युओं की सम्पत्ति का अहम हिस्सा हुआ करते थे। इनका निर्माण अफ्रीका के मध्य, पूर्व और उत्तरी हिस्से में होता था।
अंगूठी के बारे में एक और दिलचस्प बात उसकी खरीद को लेकर सामने आई है। वार्मलैण्डर का अंदाजा है कि अंगूठी की खरीद फरोख्त जलदस्युओं और अफ्रीकी देश में रहने वाले खलीफा के बीच हुई होगी। वार्मलैण्डर कहते हैं, ‘संभवत: महिला या उसका कोई रिश्तेदार खलीफा के देश में गया हो।’
स्कैन्डीनेवियाई और मुस्लिम देशों के बीच नौंवी शताब्दी में व्यापार के प्रमाण नहीं मिले हैं। हालांकि 11वीं शताब्दी में समुद्री रास्ते से व्यापार के प्रमाण जरूर मिले हैं।
वार्मलैण्डर के मुताबिक जलदस्युओं को सोने से ज्यादा चांदी की खरीद फरोख्त पसंद थी। इतिहासकार फरहत हुसैन के मुताबिक उस दौर में जलदस्युओं के लिए चांदी उनके स्टेटस सिंबल को दिखाती थी। ये लोग सफाई पर भी खासा ध्यान रखते थे।
हालांकि इतिहासकार अभी तक यह पता नहीं कर सके हैं कि अंगूठी और इस महिला का क्या रिश्ता है। स्टेटेंस हिस्टोरिका म्यूजियम की शिक्षिका लिंडा कहती हैं, ‘यह भी हो सकता है कि अंगूठी लूटी गई हो। या किसी ने दोस्ती के नाते महिला को दी हो। या फिर महिला से मुलाकात के बाद रिटर्न गिफ्ट के तौर पर दी गई हो।’
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स्कैन्डीनेवियाई यानी उत्तरी यूरोप के पांच देश ,जिनमें डेनमार्क, नार्वे, स्वीडन, फिनलैण्ड और आइसलैण्ड शामिल है। इन देशों की संस्कृति और बोलचाल एक जैसा है। इसलिए इन्हें स्कैन्डीनेवियाई देश कहा जाता है। वैसे स्कैन्डीनेवियाई शब्द स्कैनिया से लिया गया है, जो स्वीडन का एक छोटा शहर है।