AGR चुकाने के संकेतों के चलते एयरटेल व वोडाफोन आइडिया के शेयर में बढ़त

अगर टेलिकॉम कंपनियां अजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) चुकाने में नाकाम होती हैं तो उनके बैंक गारंटी पर सरकार अधिकार का दावा कर सकती है। सरकार यह कदम सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीते साल 24 अक्टूबर को स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क और लाइसेंस शुल्क को लेकर दिए गए आदेश के अनुपालन के मद्देनजर उठा सकती है।
विभिन्न दूरसंचार सर्किल को लिखे पत्र में दूरसंचार विभाग (डीओटी) की जोनल दूरसंचार इकाइयों ने टीएसपी के साथ संचार में बैंक गारंटी के भुनाने का मुद्दा स्पष्ट रूप से नहीं उठाया है।
गुजरात दूरसंचार क्षेत्र के अंतर्गत सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को लिखे गए पत्र में डीओटी ऑफिस ऑफ द कंट्रोलर ऑफ अकाउंट्स ने कहा है कि 24 अक्टूबर, 2019 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुपालन में लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के भुगतान के संबंध में आप को लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) के साथ ब्याज, जुर्माना के भुगतान का निर्देश दिया जाता है।
इसके साथ गुजरात टेलिकॉम सर्किल के लिए (अगर लागू हो) तो ब्याज व जुर्माना देने का निर्देश दिया जाता है। अगर बकाए का भुगतान तत्काल नहीं किया जाता है तो इसे ‘मोस्ट अर्जेंट’ मानकर कार्रवाई की जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा 24 अक्टूबर को दिए गए आदेश के बावजूद डीओटी के एवरेज ग्रास रेवेन्यू (एजीआर) बकाए को टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर से वसूलने में नाकाम रहने पर किया। इसके बाद डीओटी ने बकाया वसूलने के लिए कार्रवाई की।