आत्मरक्षा के गुर सिखा लड़कियों को बना रहीं ‘अपराजिता’, जानें अपर्णा की कहानी

आगरा: तूफानों से आंख मिलाओ, सैलाबों पे वार करो, मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैरके दरिया पार करो, डॉक्टर राहत इंदौरी के इस शेर को जिंदगी की हकीकत में उतारा है अपर्णा रजावत ने। अपर्णा नाम है उस सशक्त नारी का जो 75000 बेटियों को अपनी ही तरह सशक्त बनाने के लिए आत्मरक्षा के गुर सिखा चुकी हैं।

उन्होंने एक बार ठाना, तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। जमाने की बातों की परवाह नहीं की। संघर्ष को हथियार बनाकर सफलता की सीढ़ियां चढ़ीं। आगरा के आवास विकास कॉलोनी की सेक्टर-6 की रहने वाली अपर्णा राजावत लंदन में रह रही थीं। उन्होंने फैसला लिया कि वह भारत लौटकर युवतियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देंगी।

जब अपर्णा भारत आईं और अपने आलिया फाउंडेशन के तहत युवतियों को घर में ही ट्रेनिंग देना शुरू किया। लोगों ने तरह-तरह की बातें बनाना शुरू कर दिया। इन सब बातों से बेपरवाह अपर्णा ने अपने मिशन को जारी रखा। उन्हें सन 2018 में पिंक बेल्ट मिशन शुरू करना पड़ा।

आज अपर्णा राजावत देश के छह राज्यों यूपी, राजस्थान, गुजरात, एमपी, हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र में विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में 75,000 से अधिक युवतियों को आत्मरक्षा के गुर सिखा चुकी हैं। इसके लिए उन्होंने प्रशिक्षकों की एक टीम भी तैयार कर रखी है। राजस्थान में महिला आयोग और यूपी में 1090 से भी सरकार ने उन्हें जोड़ लिया है।

पिंक बेल्ट मिशन के संस्थापक अपर्णा राजावत का कहना है कि नारी सशक्तिकरण की बातें सिर्फ कागज तक ही सीमित दिखाई दीं। मुझे लगा कि हकीकत में अगर युवतियों को समर्थ बनाना है, तो उन्हें ट्रेनिंग देनी पड़ेगी।

मेरा मकसद देश की युवतियों में आत्मविश्वास पैदा करना है। इसके लिए सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग से बढ़कर कुछ भी नहीं है। युवतियों में भी जागरूकता दिखाई देने लगी है।