रैनबसेरों और गौ आश्रय स्थलों पर हो पुख्ता इंतजाम: राजेन्द्र तिवारी
गौ आश्रय स्थलों एवं गौशालाओं का भी नियमित निरीक्षण कराया जाये, बड़ी गौशालाओं का निरीक्षण जिलाधिकारी स्वयं करें तथा वहां की व्यवस्थाओं को दुरूस्त रखें।

तिवारी ने आयोजित बैठक में कहा कि इस समय भीषण शीतलहरी चल रही है, इसलिये कोई भी व्यक्ति खुले में न सोये। रैनबसेरों की व्यवस्थाएं दुरूरत रखें तथा उनका प्रचार-प्रसार करायें कि यह निःशुल्क व्यवस्था है कि जो कि गरीब एवं निराश्रितों के लिए शासन द्वारा की गयी है। उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था की जाये तथा जरूरतमंदों को कंबलों का वितरण सुनिश्चित कराया जाये।
उन्होंने कहा कि गौ आश्रय स्थलों एवं गौशालाओं का भी नियमित निरीक्षण कराया जाये, बड़ी गौशालाओं का निरीक्षण जिलाधिकारी स्वयं करें तथा वहां की व्यवस्थाओं को दुरूस्त रखें। उन्होंने कहा कि गौ आश्रय स्थलों पर ठण्ड से बचाव व उनके इलाज की समुचित व्यवस्था रहे। उन्होंने कहा कि गौ आश्रय स्थलों की व्यवस्थाओं के लिए धन की कोई कमी नहीं है।
तिवारी ने सभी जिलाधिकारियों से कहा कि उन्हें गौ आश्रय स्थलों के लिए जो धन उपलब्ध कराया जाता है उसका समय से उपभोग प्रमाण पत्र भिजवाएं ताकि मांग प्राप्त होने पर तत्काल धन उपलब्ध कराया जा सके। जरूरी होने पर राज्य वित्त आयोग के बजट से गौ सेवक रख सकते हैं। नये गौशालाओं की स्थापना के लिए 147 करोड़ रुपये उपलब्ध हैं, जिससे 120 गौशालाएं खोली जा सकती हैं, जिसके लिए जिलाधिकारी प्रस्ताव भिजवाएं।
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