झांसी में होगा आयुर्वेदिक दवा बनाने और गुणवत्ता परीक्षण का काम

झांसी: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वीरांगना नगरी स्थित क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान (आरएआरआई) को हाल ही में अपग्रेड कर केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान (सीएआरआई) बनाये जाने के साथ ही यह देश का पहला ऐसा संस्थान बन गया है जहां आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने के साथ साथ उनके गुणवत्ता परीक्षण (क्वालिटी चैक) का काम भी किया जायेगा।
संस्थान के प्रभारी सहायक निदेशक डॉ़ जी बाबू ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि केंद्रीय अनुसंधान संस्थान में हाल ही में अपग्रेड होने के बाद संस्थान में जल्द ही एक आयुर्वेद रिसर्च फार्मेसी भी शुरू होने जा रही है, जिसमें औषधि परीक्षण प्रयोगशाला भी है। आयुर्वेद फार्मेसी में दवाओं के विविध प्रकार चूर्ण, वटी, गुटी, टेबलेट, थ्वाथ, तेल, घृत और अवलेह आदि बनाने की व्यवस्था है। इसके साथ ही कच्ची औषधि से लेकर फाइनल प्रोडक्ट सभी के गुणवत्ता परीक्षण के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशाला भी संस्थान में बनायी गयी है।
सात जनवरी को होगा नवनिर्मित भवन का लोकार्पण
आयुर्वेद फार्मेसी और औषधि परीक्षण प्रयोगशाला के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण सात जनवरी को केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद यसो नाईक और ललितपुर-झांसी संसदीय क्षेत्र से सांसद अनुराग शर्मा द्वारा किया जायेगा। इस कार्यक्रम में आयुष मंत्रालय के अपर सचिव प्रमोद पाठक, सीसीआरएएस दिल्ली के महानिदेशक प्रो वैद्य के एस धीमान और विधायक झांसी नगर रविशर्मा भी उपस्थित रहेंगे। दोनों नवनिर्मित भवनों को पूरी तरह से डब्लयूएचओ के तय मानकों के हिसाब से बनाया गया है जहां अनुसंधान और दवा गुणवत्ता परीक्षण के लिए जरूरी अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया करायी गयीं हैं।
संस्थान में आयुर्वेदिक दवाओं को रिसर्च के लिए तैयार किया जायेगा और इसके बाद इन दवाओं को क्नीनिकल टेस्ट के लिए भेजा जायेगा। क्लीनिकल टेस्ट के बाद इन दवाओं के आमजन के इस्तेमाल में आने की संभावना काफी बढ जायेगी। इस पहल से आयुर्वेदिक दवाओं के अनुसंधान में तेजी आयेगी साथ ही आयुर्वेद का प्रचार प्रसार भी बढेगा।
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