बीजेपी सरकार में अर्थव्यवस्था का बुरा हाल, इतने फीसदी घटी GDP

आर्थिक मोर्चे पर बीजेपी सरकार को झटका लगा है. देश की विकास दर में गिरावट दर्ज हुई है. पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में विकास दर 5.8 फीसदी से घटकर 5 फीसदी हो गई है. अगर सालाना आधार पर तुलना करें तो करीब 3 फीसदी की गिरावट है. एक साल पहले इसी तिमाही में जीडीपी की दर 8 फीसदी थी. पिछली तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियों में गिरावट और कृषि उत्पादन में कमी का जीडीपी ग्रोथ पर ज्यादा असर हुआ.
मोदी राज में सबसे बड़ी गिरावट
यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की किसी एक तिमाही में सबसे सुस्त रफ्तार है. करीब 7 साल पहले यूपीए सरकार में किसी एक तिमाही में जीडीपी के आंकड़े इस स्तर पर पहुंचे थे. वित्त वर्ष 2012-13 की पहली तिमाही में जीडीपी के आंकड़े 4.9 फीसदी के निचले स्तर पर थे. बता दें कि RBI ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत की जीडीपी का अनुमान घटाकर 6.9 फीसदी किया है. पहले चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी 7 फीसदी रहने का अनुमान रखा गया था.
किस सेक्टर की क्या हालत
अगर सेक्टर की बात करें तो मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पिछले वित्त वर्ष (2018-19) के 12.1 फीसदी की तुलना में महज 0.6 फीसदी की दर से आगे बढ़ सका है. वहीं एग्रीकल्चर और फिशिंग सेक्टर पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 5.1 फीसदी की तुलना में 2 फीसदी की दर से आगे बढ़ा है.
GDP at Constant (2011-12) Prices in Q1 of 2019-20 is estimated at 35.85 lakh crore, as against 34.14 lakh crore in Q1 of 2018-19, showing a growth rate of 5.0 % pic.twitter.com/0TBAkuTwKO
— ANI (@ANI) August 30, 2019
अगर कंस्ट्रक्शन सेक्टर की बात करें तो यहां 5.7 फीसदी की तेजी रही, जो पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 9.6 फीसदी की तुलना में 3 फीसदी से अधिक गिरावट है.फाइनेंशियल, रियल एस्टेट और प्रफेशनल सर्विसेज पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 6.5 फीसदी की तुलना में 5.9 फीसदी की दर से आगे बढ़ा है. इलेक्ट्रिसिटी, गैस, वाटर सप्लाई समेत अन्य सेक्टर में मामूली तेजी देखने को मिली है.
रेटिंग एजेंसियां भी दे रही हैं झटका
ये आंकड़े ऐसे समय में आए हैं जब दुनियाभर की रेटिंग एजेंसियां भारत के जीडीपी अनुमान को घटा रही हैं. हाल ही में इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड ने भारत की सालाना जीडीपी ग्रोथ का अनुमान भी 7.3 फीसदी से घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया है. एजेंसी का मानना है कि खपत में कमी, मॉनसून की बारिश अपेक्षा से कम, मैन्युफैक्चरिंग में कमी आदि की वजह से लगातार तीसरे साल अर्थव्यवस्था में सुस्ती रह सकती है.
वहीं क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने साल 2019 के लिए भारत का जीडीपी ग्रोथ 6.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. इससे पहले जापान की ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने बताया था कि सर्विस सेक्टर में सुस्ती, कम निवेश और खपत में गिरावट से भारत की जीडीपी सुस्त हुई है. नोमुरा की रिपोर्ट के मुताबिक उपभोक्ताओं का विश्वास कम हो रहा है और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में गिरावट आई है.
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने अगले पांच साल में देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य रखा है, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसके लिए लगातार कई साल तक सालाना 9 फीसदी की ग्रोथ रेट होनी चाहिए.
आर्थिक सुस्ती के दौर से गुजर रहा देश
बता दें कि देश के ऑटोमोबाइल समेत अन्य सेक्टर में सुस्ती का दौर देखने को मिल रहा है. ऑटो सेक्टर में प्रोडक्शन और सेल्स में लगातार गिरावट आ रही है. वहीं लाखों लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं. इसी तरह एफएमसीजी और टेक्सटाइल सेक्टर भी मंदी जैसे हालात से गुजर रहे हैं.