‘बंगाल अब परिवर्तन का मन बना चुका है’, लोगों को मिलेगा बड़ा लाभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले पश्चिम बंगाल अब परिवर्तन का मन बना चुका है। आज पश्चिम बंगाल अपने तेज विकास के संकल्प को सिद्ध करने के लिए एक बड़ा कदम उठा रहा है

हुगली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) असम के दौरे के बाद पश्चिम बंगाल के हुगली (Hooghly) पहुंचे। उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए बोला कि पश्चिम बंगाल अब परिवर्तन का मन बना चुका है। आज पश्चिम बंगाल अपने तेज विकास के संकल्प को सिद्ध करने के लिए एक बड़ा कदम उठा रहा है।
पिछली बार में आपको गैस कनेक्टिविटी का इंफ्रास्ट्रक्चर का उपहार देने आया था। आज रेल और मेट्रो कनेक्टिविटी को मजबूत करने वाले महत्वपूर्ण काम शूरू हो रहे हैं।
बंगाल में उद्योगों के अवसर
हुगली में PM मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अब रेलवे को लेकर पश्चिम बंगाल में संभावनाओं के नए द्वार खुल रहे हैं। पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का बड़ा लाभ पश्चिम बंगाल को होने वाला है। इसका एक हिस्सा चालू भी हो चुका है, बहुत जल्द पूरा कॉरिडोर खुल जाएगा। जिससे बंगाल में भी उद्योगों के लिए अवसर बनेंगे।
मुझे हैरानी है इतने वर्षों में जितनी भी सरकारें पश्चिम बंगाल में रहीं, उन्होंने इस ऐतिहासिक क्षेत्र को अपने ही हाल में छोड़ दिया। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर को, यहां की धरोहर को बेहाल होने दिया गया। वंदे मातरम भवन जहां बंकिमचंद जी 5 साल रहे, कहते हैं वो तो बहुत बुरे हाल में है: PM pic.twitter.com/ivtClZ2XKS
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 22, 2021
इसी तरह जो विशेष किसान रेल शुरू की गई है, उसका लाभ आज पश्चिम बंगाल के छोटे किसानों को बहुत तेजी से मिलना शुरू हो रहा है। अभी हाल ही में 100वीं किसान रेल महाराष्ट्र के संगोला से पश्चिम बंगाल के शालीमार तक चलाई गई है। हमारे देश में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का काम दशकों पहले हो जाना चाहिए था लेकिन हुआ नहीं। अब हमें देर नहीं करनी है। अब हमें एक पल भी रुकना नहीं है। इसलिए अब देश में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दिया जा रहा है। निवेश किया जा रहा है।
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वंदे मातरम भवन क बुरा हाल
PM ने कहा कि मुझे हैरानी है इतने वर्षों में जितनी भी सरकारें पश्चिम बंगाल में रहीं, उन्होंने इस ऐतिहासिक क्षेत्र को अपने ही हाल में छोड़ दिया। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर को, यहां की धरोहर को बेहाल होने दिया गया। वंदे मातरम भवन जहां बंकिमचंद जी 5 साल रहे, कहते हैं वो तो बहुत बुरे हाल में है। हर घर जल पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने 1700 करोड़ रुपए से ज्यादा टीएमसी सरकार को दिए। लेकिन इसमें से सिर्फ 609 करोड़ रुपए ही यहां की सरकार ने खर्च किया है।
मां-माटी-मानुष की बात करने वाले लोग बंगाल के विकास के सामने दीवार बनकर खड़े हो गए हैं। केंद्र सरकार किसानों और गरीबों के हक का पैसा सीधे उनके बैंक खाते में जमा करती है जबकि बंगाल सरकार की योजनाओं का पैसा TMC के टोलाबाजों के सहमति के बिना गरीब तक पहुंच ही नहीं पाता।
कोलकाता मेट्रो को दशकों पहले देश की पहली मेट्रो होने का गर्व प्राप्त हुआ था लेकिन इस मेट्रो का आधुनिक अवतार और विस्तार बीते वर्षों में ही होना शुरू हुआ। मुझे खुशी है कि मेट्रो हो या रेलवे स्ट्रीम आज भारत में जो भी निर्माण हो रहा है उसमें मेड इन इंडिया की छाप स्पष्ट दिख रही।
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