Warning : उत्तर भारत में आने वाला है बड़ा भूकंप

नई दिल्ली। अपने-अपने घरों में चैन से सोने वालों को अब वाकई जाग जाना चाहिए। हर समय अलर्ट रहना होगा। क्योंकि देश में कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है। इस बार ये चेतावनी ज्योतिषियों या पंडितों की नहीं बल्कि केंद्रीय गृहमंत्रालय के आपदा प्रबंधन विशेषज्ञों ने दी है। उनका कहना है कि इस आने वाले भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 8.1 या उससे ज्यादा हो सकती है। भूकंप की सबसे ज्यादा आशंका हिमालयी क्षेत्र में आने की है। मणिपुर में सोमवार को आए भूकंप के बाद गृह मंत्रालय के जानकारों ने ये चेतावनी जारी की है।
भूगर्भीय प्लेटें खिसक गईं हैं
चेतावनी के मुताबिक पहाड़ी क्षेत्रों में बड़े भूकंप की आशंका है। जानकारों के मुताबिक हाल ही में मणिपुर में आए 6.7 तीव्रता के भूकंप, नेपाल में मई 2015 में आए 7.3 तीव्रता के भूकंप और सिक्किम में 2011 में आए 6.9 तीव्रता के भूकंप की वजह से भूगर्भीय प्लेट में उथल-पुथल हो गई है जिसके चलते प्लेटें अपनी जगह से खिसक गई हैं। आपदा प्रबंधन से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि इन वजहों से 8 या इससे ज्यादा की तीव्रता के भूकंप के झटके देश को हिला सकते हैं। नेपाल में आए भूकंप के बाद भी गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन केंद्र ने चेतावनी जारी की थी कि अभी और भूकंप उत्तर भारत को झकझोर सकते हैं।
बीते दिनों भी हुई है इस खतरे पर चर्चा
इस बात की चर्चा हाल ही में अरूणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में आयोजित 11 पहाड़ी राज्यों की बैठक में भी हुई थी। इस बैठक का आयोजन केंद्र सरकार द्वारा किया गया था, जिसमें इस बात पर चर्चा की गई कि पहाड़ों पर कैसे बिल्डिंग कोड बनाकर इसे रोका जा सकता है।
एनआईडीएम के निदेशक संतोष कुमार ने बताया कि नेपाल, भूटान, म्यांमार और भारत के बीच प्लेटे आपस में जुड़ी हुई हैं। जो भारत के लिए एक बड़ा खतरा है। इसमें सबसे ज्यादा संवेदनशील पहाड़ी शहर हैं, इसके बाद बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली दूसरे सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में शामिल बताए जा रहे हैं। ये सिसमिक जोन 4 में आते हैं और पहाड़ी राज्यों का सिसमिक जोन 5 है।