किसानों को बाजार समिति के चंगुल से मुक्त करने वाला बिहार पहला राज्य: सुशील
इस बीच भारत बंद के आह्वान का कोई औचित्य नहीं था। कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) अधिनियम को वर्ष 2006 में ही रद्द कर बिहार ने देश में सबसे पहले किसानों को बाजार समिति के चंगुल से मुक्त कर दिया

पटना: बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों के भारत बंद को औचित्यहीन बताया और कहा कि बिहार ने देश में सबसे पहले किसानों को बाजार समिति के चंगुल से मुक्त कर दिया, जिसके कारण पिछले डेढ़ दशकों में पंजाब की तुलना में इसकी विकास दर दो से ढाई गुना ज्यादा रही।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता मोदी ने मंगलवार को भाजपा महिला मोर्चा की ओर से प्रदेश कार्यालय स्थित अटल सभागार में नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद एवं मंत्रिपरिषद के सदस्यों के अभिनंदन के लिए आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि जब किसानों से वार्ता चल रही है, इस बीच भारत बंद के आह्वान का कोई औचित्य नहीं था। कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) अधिनियम को वर्ष 2006 में ही रद्द कर बिहार ने देश में सबसे पहले किसानों को बाजार समिति के चंगुल से मुक्त कर दिया, जिसके कारण पिछलेे डेढ़ दशकों में पंजाब की तुलना में बिहार की विकास दर दो से ढाई गुना ज्यादा रही।
मोदी ने बंद का आह्वान कर गायब रहने वाले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव की तुलना कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से करते हुए कहा कि चमकी बुखार, पटना में जल जमाव या विधानमंडल सत्र के दौरान बिहार से गायब रहने वाले नेता प्रतिपक्ष इसी तरह से गायब रहे तो भाजपा को और लम्बे समय तक जनता की सेवा करने का मौका मिलेगा।
यह भी पढ़े: शाह के साथ किसान नेताओं की बैठक बेनतीजा, बुधवार को सरकार देगी प्रस्ताव