भाजपा प्रवक्ता ने कही बड़ी बात, २०४७ तक हिंदुस्तान बनेगा पाकिस्तान

नई दिल्ली: भारत में हर समस्या की जड़ बहुत ही जटिल और लगातार बढ़ती आबादी को बताया जाता है, और सालों से सरकारें इसी जद्दोजहद में लगी हैं. जनता को आबादी कम से कम बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जा सके. देश में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने लगातार बढ़ती आबादी की वजह से लगभग सवा सौ करोड़ की आबादी वाले हिन्दुस्तान के वर्ष 2047 से पहले ही पाकिस्तान बन जाने की आशंका व्यक्त की है, क्योकि भारत में जनसंख्या नियंत्रण जैसी कोई मुहिम नहीं दिखाई देती है.सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर पोस्ट किया, “यदि #समान-शिक्षा #समान-नागरिक-संहिता के साथ-साथ #जनसंख्या-नियंत्रण-कानून तत्काल नहीं बनाया गया, तो भारत 2047 से पहले ही पाकिस्तान बन जाएगा…”
इस पोस्ट में उन्होंने उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ़ जिले के रानीगंज पुलिस स्टेशन में मौजूद इलाके के टॉप 10 बदमाशों की सूची की तस्वीर भी पोस्ट की है, जिनमें सभी अपराधी एक विशेष समुदाय के हैं. अश्विनी उपाध्याय ने इस सूची को पोस्ट करते हुए जनसंख्या नियंत्रण कानून के साथ-साथ देश के सभी नागरिकों को एक समान शिक्षा दिए जाने तथा समान नागरिक संहिता बनाए जाने की भी मांग की है.
थाना स्तर पर चिन्हित टॉप 10 अपराधियों का विवरण ध्यान से पढ़िए।
पिता ने #जनसंख्या_विस्फोट किया और बच्चे बम विस्फोट कर रहे हैं।
यदि #समान_शिक्षा #समान_नागरिक_संहिता के साथ-साथ #जनसंख्या_नियंत्रण_कानून तत्काल नहीं बनाया गया तो भारत 2047 से पहले ही पाकिस्तान बन जायेगा #UCC @Ramlal pic.twitter.com/gAyS2BsSJR
— Ashwini Upadhyay (@AshwiniBJP) July 9, 2019
इससे पहले, साल जनवरी में योगगुरु बाबा रामदेव ने भी कहा था कि एक अरब से अधिक जनसंख्या वाले देश में जनसंख्या को नियंत्रित करना प्राथमिकता होनी चाहिए. 23 जनवरी, 2019 को अलीगढ़ में एक कार्यक्रम के दौरान बढ़ती जनसंख्या को खतरनाक बताते हुए उपाय के तौर पर उन्होंने सुझाव दिया था कि जिसके भी दो से ज्यादा बच्चे हों, उनसे मताधिकार छीन लिया जाना चाहिए. बाबा रामदेव ने कहा था, ‘जनसंख्या नियंत्रण के लिए, जो भी दो से ज्यादा बच्चे पैदा करे, उससे वोट देने का आधिकार, सरकारी नौकरी और इलाज की सुविधा छीन लेनी चाहिए, चाहें वह हिन्दू हो या मुस्लिम… तभी जनसंख्या नियंत्रित होगी…’
यह पहला अवसर नहीं था, जब बाबा रामदेव ने जनसंख्या को लेकर इस तरह की टिप्पणी की थी. वह पिछले साल, यानी वर्ष 2018 में भी कह चुके थे कि जिनके दो से ज्यादा बच्चे हैं, उनके बच्चे को सरकारी स्कूल में दाखिला नहीं दिया जाना चाहिए, सरकार अस्पताल में इलाज की सुविधा नहीं मिलनी चाहिए और उन्हें सरकारी नौकरी नहीं दी जानी चाहिए.