बीजेपी में नेता प्रतिपक्ष के लिये कवायद तेज

देहरादून। बीजेपी हाईकमान ने प्रदेश में संगठन का मुखिया तो तय कर दिया है, लेकिन विधानसभा में सरकार को कौन नाको चने चबवायेगा इस पर मंथन चल रहा है। इस दौड़ में हरबंस कपूर से लेकर मदन कौशिक समेत करीब छह विधायक जुगत भिड़ा रहे हैं। लेकिन अहम सवाल यही है कि नेता प्रतिपक्ष के जरिए पार्टी हाईकमान कौन सा समीकरण साधेगा।
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ठाकुर-ब्राह्मण और पहाड़-मैदान की गणित में फंसी भाजपा
संगठन की कमान अजय भट्ट के तौर पर ब्राह्मण चेहरे को मिल गयी है, लेकिन विधानमंडल दल की कमान किसी ठाकुर नेता को मिलेगी या कोई और ही बाजी मारेगा, इस पर चर्चाओं का बाजार काफी गर्म है। फिलहाल, नेता विपक्ष के लिए सबसे ज्यादा चर्चा में हरबंस कपूर और मदन कौशिक के नाम चल रहे हैं। कपूर सबसे वरिष्ठ विधायक तो हैं ही वे स्पीकर भी रह चुके हैं वहीं कौशिक पूर्व कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। हसबंस कपूर पंजाबी चेहरे के तौर पर जाने जाते हैं उनको जिम्मेदारी मिलने से पार्टी तराई के वोटों को काफी हद तक साध सकती है।
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अपना-अपना गणित बैठाने में जुटे भाजपा नेता
वहीं हरिद्वार विधायक मदन कौशिक सदन में काफी आक्रामक रुख अपनाते रहे हैं। मैदानी वोट बैंक को लुभाने के लिए उनका नाम भी पार्टी हाईकमान के ध्यान में है। हालांकि मदन कौशिक पार्टी के ब्राह्मण चेहरे हैं और अजय भट्ट के अध्यक्ष बनने के बाद उनकी राहत थोड़ी मुश्किल होती दिख रही है। हालांकि, मदन कौशिक दो बार लोकसभा का टिकट से वंचित रहने को भी अपनी दावेदारी की एक वजह गिना सकते हैं। पार्टी हाईकमान ब्राह्मण-ठाकुर या कुमाऊं-गढ़वाल के फार्मूले पर चलती है तो बिशन सिंह चुफाल के साथ ही तीरथ सिंह रावत की दावेदारी भी नजर आ रही है।
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सदन के भीतर कौन होगा बीजेपी के रथ का सारथी
जानकारों का कहना है कि 2017 के चुनावों से पहले विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष तीन बार ही आमने-सामने होंगे। ऐसे में ये देखना बेहद दिलचस्प होगा कि बीजेपी हाईकमान अपने कौन से योद्धा को सदन में पार्टी की अगुवाई करने का जिम्मा देता है। जो सरकार से न केवल हर मोर्चे पर दो-दो हाथ करे बल्कि विधानसभा में उठे मुद्दों की गूंज से चुनावों में पार्टी को भी बढ़त दिलाये।