पत्नी को डोली नहीं अर्थी में विदा कराकर ले गया पति

पटना। एक लड़की का अरमान था उसके भी हाथ पीले होंगे। वह लाल जोड़े में सजेगी। पति संग सात फेरे लेगी। डोली में बैठकर पिता के घर से विदा होगी। इसमें से डोली वाली बात छोड़कर सब कुछ हुआ। बस डोली नहीं उठी बल्कि उस लड़की की अर्थी उठी। शादी की खुशियां पल भर में ही मातम में बदल गईं। जिस घर से पति को अपनी नई नवेली पत्नी की डोली लेकर जाना था, वहां से वह उसकी अर्थी अपने कंधे पर लेकर गंगा के घाट पर गया। मामला पटना के बख्तियारपुर का है।
आशीर्वाद लेते समय गिर पड़ी दुल्हन
यहां की सोनी कुमारी नाम की लड़की की शादी दयानंद के साथ हो रही थी। मंडप में शादी की रस्में चल रही थीं। पत्नी की मांग में सिंदूर भरने के बाद जब पति और पत्नी परिवार वालों और बुजुर्गों का आशीर्वाद लेने उठे तभी दुल्हन गिरकर बेहोश हो गई। उसके चेहरे पर पानी डाल कर होश में लाने की कोशिश की गई लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। सब लोग सोनी को लेकर पास के अस्पताल गए वहां डॉक्टरों ने उसे मरा हुआ घोषित कर दिया।
मौत के बाद भी पति ने दुल्हन का नहीं छोड़ा साथ
जिन डॉक्टरों ने सोनी का चेकअप किया उनके मुताबिक रात भर खुले में शादी की रस्में होने के कारण ओस से भीगकर सोनी को ठंडक लग गई। लेकिन दूल्हा दयानंद ने उसका साथ नहीं छोड़ा। दुल्हन की विदाई करवाकर दयानंद उसे ले गया और गंगा किनारे मुखाग्नि देकर वैदिक रीति से अंतिम संस्कार किया। घटना के बाद से दोनों परिवारों ही नहीं पूरे गांव में दुख का माहौल है। क्योंकि शादी की सभी रस्में होने के बाद दुल्हन की मौत हो जाना सबको खल रहा है।