गलती से भी इन लोगों को घर से न जाने दें खाली हाथ, नहीं तो पड़ेगा पछताना

सनातन धर्म में दान को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। यह मात्र रिवाज़ के लिए नहीं किया जाता, वरन् दान करने के पीछे विभिन्न धार्मिक उद्देश्य बताए गए हैं। हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार दान से इंद्रिय भोगों के प्रति आसक्ति छूटती है। मन की ग्रंथियां खुलती है जिससे मृत्युकाल में लाभ मिलता है। शास्त्रों के अनुसार ‘दान’ को एक बहुत ही बड़ा पुण्य माना जाता है। लेकिन क्या सिर्फ मंदिर में ही दान करने से पुण्य मिलता है? जी नहीं, आज हम आपको दान के बारे में कुछ ऐसी बाते बता रहे हैं जिसे आप बिना मंदिर जाए भी दान कर सकते हैं।
शास्त्रों के अनुसार कहा गया है कि मनुष्य अगर किसी असाह की मदद करता है तो उसे उतना ही पुण्ड मिलता है, जितना की मंदिर दान करें। तो आइए जानते हैं किन-किन लोगों को करना चाहिए दान।
किन्नर
शास्त्रों के अनुसार अगर आपके घर या कार्यस्थल के दरवाज़े पर किन्नर आकर कुछ मांगे तो उसे भी खाली हाथ भेजने की भूल ना करें। किन्नरों को दान करने से कुंडली में बुध ग्रह
भिखारी
यदि आपके दरवाजे पर भिखारी कुछ मांगने आए तो उसे खाली हाथ ना जाने दें। कुछ पैसे, कपड़े या खाने लायक ही कोई वस्तु देकर भेजें।
संत-महात्मा
शास्त्रों के अनुसार अगर दरवाजे पर कोई सलाहकार या ज्ञानी व्यक्ति या कोई संत-महात्मा आए तो उन्हें भी खाली हाथ ना जानें दे। इनसे ज्ञान प्राप्त करें, इनका आशीर्वाद लें और इन्हें जरूरत की वस्तुएं अवश्य ही दान करें। ऐसा करने से घर में खुशहाली आती है।
अपाहिज
अगर आपके दरवाजे पर कोई अपाहिज भिखारी या विक्लांग व्यक्ति मदद की पुकार लगाने आए तो उसकी मदद अवश्य करें। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसे लोगों को शनि-राहु की प्रतीक माना जाता है और इनकी मदद या इन्हें कुछ दान करने से आपकी कुंडली में इन पापी ग्रहों का बुरा प्रभाव कम हो जाता है।