वचन के अनुरूप किसानों के कर्ज माफ नहीं किए कांग्रेस- शिवराज सिंह चौहान


छतरपुर: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर वचन के अनुरूप किसानों के कर्ज माफ नहीं करने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने अपने अन्य वादे भी नहीं निभाए हैं.
श्री चौहान ने छतरपुर जिले की मलहरा विधानसभा सीट के अधीन आने वाले बक्स्वाहा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह लोधी के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित किया. इस मौके पर पार्टी प्रत्याशी और अनेक पदाधिकारी भी मौजूद थे.
श्री चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने उपचुनावों के लिए आज फिर वचनपत्र जारी किया है. जबकि पुराने वचनपत्र में किए गए वादों को ही पूरा नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान दो लाख रुपयों तक के किसानों के कर्ज दस दिनों में माफ करने का वादा किया था. इसके अनुरूप 55 हजार करोड़ रुपयों की कर्जमाफी होना थी, लेकिन मात्र लगभग छह हजार करोड़ रुपयों की कर्जमाफी की गयी.
भाजपा नेता श्री चौहान ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने फसल ऋण माफी की सूची से किसानों को बाहर करने के लिए अनेक बहाने बनाए. पहले कहा गया कि केवल अल्पकालीन फसल ऋण माफ होंगे. इसके बाद कहा गया कि मार्च 2018 तक के कर्ज माफ करेंगे. फिर कहा गया कि चालू खाते वालों के ऋण माफ नहीं होंगे. इसके चलते किसानों ने ऋणमाफी की उम्मीद के चलते किश्त नहीं भरीं और वे डिफाल्टर हो गए. अब ऐसे किसानों पर ब्याज की देनदारी बन गयी है. इन किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण भी नहीं मिल रहा है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि ऐसे किसानों के हित में भाजपा सरकार कदम उठाएगी.
श्री चौहान ने कहा कि इसके अलावा पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने युवाओं को 4000 रुपए बेरोजगारी भत्ता देने, बुजुर्गों को एक हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन देने, बेटियों को विवाह के लिए 51 हजार रुपए देने और अन्य अनेक वचन भी दिए थे, लेकिन इनको भी पूरा नहीं किया गया. कांग्रेस ने उस समय नयी फसल बीमा योजना लाने और गेंहू, धान, बाजरा, मक्का, सोयाबीन, सरसों और उड़द आदि पर बोनस देने की घोषणा भी की थी, लेकिन वे भी पूरी नहीं हुयीं. इस तरह कांग्रेस ने वचन पूरे नहीं करके सभी के साथ छल किया है.
बुंदेलखंड अंचल की मलेहरा विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी श्री लोधी का मुख्य मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी सुश्री रामसिया भारती से हैं. सुश्री भारती इस अंचल में कथावाचक के रूप में पहचानी जाती हैं.
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