चीन की ओर झुके दलाई लामा, कहा- तिब्बत बन सकता है देश का अंग!

बैंगलुरु: दक्षिण एशिया में चीन के बढ़ते रुतबे का असर अब तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के बयान से नजर आने लगा है। तिब्बत के चीन में शामिल होने का हमेशा से विरोध करने वाले दलाई लामा ने कहा है कि अगर चीन तिब्बतियों की संस्कृति को सुरक्षित रखने का पूरा अधिकार दे तो तिब्बत उसका हिस्सा बनने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि यूरोपियन यूनियन मॉडल अपनाकर चीन व तिब्बती एक-दूसरे के साथ रह सकते है। उक्त बातें दलाई लामा ने अपने बैंगलोर प्रवास के दौरान कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के साथ मंच साझा करते हुए कहीं।
दरअसल, दलाई लामा कर्नाटक में ‘थैंक यू कर्नाटक’ इवेंट को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने तिब्बत-चीन मसले पर बात रखते हुए कहा कि तिब्बत के लिए पूर्ण स्वतंत्रता हासिल करना कठिन कार्य है। इस समस्या के समाधान के चीन को आपसी बातचीत का माहौल तैयार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि तिब्बतियों की संस्कृति को सुरक्षित रखने की गारंटी मिलने पर तिब्बत चीन का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं। हम चीनी जनवादी गणराज्य के साथ बने रहने के लिए तैयार हैं, लेकिन हमें अपनी संस्कृति को सुरक्षित रखने के लिए पूरा अधिकार दिया जाए।
इससे पहले इसी साल मार्च में दलाई लामा ने कहा था तिब्बती चीन से संपूर्ण आजादी नहीं मांग रहे हैं, बल्कि हम चीन के साथ मिलकार काम करने के इच्छुक हैं। दरअसल, तिब्बत लम्बे समय से चीन से आजादी की मांग कर रहा है। हालांकि अब ऐसा होना कम ही दिखाई दे रहा है।