शकूर बस्ती मामला : हाईकोर्ट ने कहा, रेलवे को नहीं लोगाें की चिंता, सरकार भी जवाब दे

नई दिल्ली। शकूर बस्ती मामले में अब दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया है। कोर्ट ने शकूरबस्ती में झुग्गियों को हटाए जाने के मामले में दिल्ली सरकार, रेलवे और पुलिस को नोटिस भेजा है। बुधवार तक जवाब देने का समय तय कर दिया गया है।
शकूर बस्ती में रेलवे के अभियान को अमानवीय करार देते हुए हाईकोर्ट ने रेलवे के जीएम और दिल्ली पुलिस कमिश्नर से पहले उठाए गए कदमों की पूरी रिपोर्ट मांगी है।
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कोर्ट ने यह आदेश भी दिया कि झुग्गी के लोगों को और दर्द न दिया जाए। उनकी सुरक्षा और घर के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं। हाईकोर्ट ने कहा कि रेलवे की इस कार्रवाई से लोगों की जान खतरे में पड़ गई और एक बच्ची की मौत भी हो गई। रेलवे हमें ये बताए कि क्या लोगों का सर्वे हुआ था या नहीं।
रेलवे के खिलाफ सख्त टिप्पणी करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि आपको लोगों की चिंता नहीं थी, आपने पिछली गलतियों से कुछ नहीं सीखा है। दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट से कहा कि हमने अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की है और हम केंद्र सरकार के संपर्क में हैं। हाईकोर्ट ने यह भी पूछा कि क्या दिल्ली सरकार, रेलवे और पुलिस में किसी तरह का सामंजस्य है।
प्रभु और केजरी की मुलाकात
इस मामले में दिन में संसद में भी तीखी बयानबाजी हुई। बाद में रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने जवाब दिया कि रेलवे के अभियान से पहले ही छह महीने की बच्ची की मौत हो गई थी। वहीं देर शाम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और सुरेश प्रभु की मुलाकात हुई। इसके बाद केजरीवाल ने कहा कि अब बिना पुनर्वास के अवैध बस्तियां नहीं तोड़ी जाएंगी।