यहां जाते ही देशभक्ति की भावना से भर जाता है हर भारतीय, जानें क्यों है खास

इंडिया गेट के पास लगभग 40 एकड़ में फैले राष्ट्रीय शहीद स्मारक का निर्माण 2019 में हुआ था। इसका उद्घाटन 25 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। यह नेशनल वार मेमोरियल बनाने के पीछे का उद्देश्य उन जवानों की शहादत को याद रखना और उन्हें श्रद्धांजलि देना था, जो साल 1947, 1962, 1971 और 1999 में हुए यु्द्ध में शहीद हुए थे।

इंडिया गेट की अमर जवान ज्योति की तरह ही राष्ट्रीय शहीद स्मारक में भी एक और ज्योति है, जो कि दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र होती है। दिल्ली घूमने आने वाले लोगों के लिए यह राष्ट्रीय भावना से जुड़ा टूरिस्ट प्लेस बन चुका है। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में प्रवेश बिल्कुल नि:शुल्क है। आप यहां पर सुबह 9:00 से शाम 6:30 के बीच विजिट कर सकते हैं।

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का निर्माण चक्रव्यूह फॉरमेशन की प्रेरणा को लेकर बनाया गया है। इसकी मुख्य संरचना का निर्माण चार कान्सेंट्रिक सर्कल को आधार में रखकर किया गया है, जिसमें हर एक सर्कल सशस्त्र बलों के मूल्यों को दर्शाता है। वीरता चक्र बहादुरी, अमर चक्र अमरत्व, त्याग चक्र बलिदान और रक्क्षक चक्र रक्षा के प्रतीक के रूप में दर्शाया गया है।

बात इसके आकार की करें तो इंडिया गेट के पीछे इसका फैलाव 40 एकड़ तक है। 25 हजार 942 सैनिक, जिन्होंने देश के नाम अपनी शहादत दी, उन सभी के नाम यहां की 16 दीवारों पर उकेरे गए हैं।

इसका निर्माण जुलाई साल 2017 में हुई थी और साल 2019 में जाकर पूरा हुआ। इसके निर्माण मेें राजस्थान से लाए गए ग्रेनाइट और सैन्डस्टोन का इस्तेमाल किया गया है। स्मारक स्तंभ से लेकर पूरे शहीद स्मारक की डिजाइनिंग डिजाइनर किशोर कपूर ने की थी।