इस ज़रा सी गोली से Fat हो जाएगा छूमंतर

मोटापे से परेशान लोग मछली के तेल का सेवन कर अपनी टमी को कम कर सकते हैं। क्योटो यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के अनुसार, 30 से 40 साल के मोटापे से पीड़ित लोगों में मछली का तेल और चिकनाई कम करने वाली दवाइयों से तेज काम करता है।
बच्चों में ब्राउन कोशिकाओं की प्रचुर मात्रा होती है, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ धीरे-धीरे इनकी संख्या में कमी आती है। तीसरे प्रकार की बीज कोशिका का वैज्ञानिकों ने हाल ही में चूहों और इंसानों में पता लगाया है जो काफी हद तक ब्राउन कोशिकाओं के समान कार्य करती है। यह कोशिकाएं चिकनाई कम करने में मददगार होती हैं।
रिसर्च के मुख्य लेखक तेरु क्वाडा कहते हैं, “हमने पहले कई स्टडी में मछली के तेल के गुणों को देखा है जिसमें चिकनाई की रोकथाम भी शामिल है लेकिन यहां हमने मछली के तेल का बीज कोशिकाओं से संबंध का अध्ययन किया है।”
इस स्टडी में चूहों के दो समूहों को शामिल किया गया था। जिसमें एक समूह को चिकनाई वाला खआना और दूसरे समूह को मछली के तेल वाला खाना दिया गया। इसके बाद वैज्ञानिकों ने पाया कि सामान्य चिकनाई वाला खाना लेने वाले चूहों की तुलना में मछली के तेल लेने वाले चूहों का वजन 5-10 प्रतिशत कम था। इसके अलावा उन चूहों ने 15-25 प्रतिशत चिकनाई कम ग्रहित किया था।
यह शोध ‘साइंटिफिक रिपोर्ट्स’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।