अदनान से पहले इन्होंने भारत के लिए छोड़ा पाकिस्तान

01- बेगम पारा
कभी बॉलीवुड की सबसे हसीन अदाकाराओं में एक रहीं बेगम अपने शौहर के इंतकाल के बाद हिन्दुस्तान आ गई थीं। 1975 में भारत आईं बेगम पारा की इंतकाल 2008 में हुआ। संजय लीला भंसाली की यादगार फिल्म सांवरिया (2007) में बेगम पारा आखिरी बार सिल्वर स्क्रीन पर दिखी थीं।
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02-उस्ताद बड़े गुलाम अली खां
भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद मशहूर गायक उस्ताद बड़े गुलाम अली खां भी भारत लौट आए। उन्होंने एक बार कहा था, ‘भारत के घरों में अगर एक बच्चे को भी शास्त्रीय संगीत सिखाया जाता तो यकीनन यह बंटवारा कभी नहीं होता।’ खान को 1957 में भारतीय नागरिकता हासिल हुई थी। उनका निधन 25 अप्रैल 1968 को हुआ।
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03 -जोगेन्द्र नाथ मण्डल
देश के पहले श्रम मंत्री जोगेन्द्र नाथ मण्डल कभी मुस्लिम लीग के करीबी थे। पिछड़ों के नेता जोगेन्द्र नाथ मण्डल भी पाकिस्तान से भारत लौट आए थे।
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04-साहिर लुधियानवी
उर्दू के अजीम शायर और गायक साहिर लुधियानवी के खिलाफ पाकिस्तानी सरकार ने अरेस्ट वारंट जारी कर दिया था। इसीलिए उन्हें भारत आना पड़ा। यहां भारतीयों ने उन्हें सिर आंखों पर बिठाया। 1971 में साहिर लुधियानवी को पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया। 1980 में उनका निधन हो गया।
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05-कुर्तलैन हैदर
उर्दू साहित्य की नामी शख्सीयत कुर्तलैन हैदर को अपने उपन्यास ‘आग का दरिया’ के बाद पाकिस्तान छोड़ना पड़ा। कुर्तलैन हैदर को साहित्य अकादमी और ज्ञानपीठ अवार्ड जैसे सम्मान से नवाजा गया है। साहित्य सेवा के लिए भारत सरकार ने उन्हें पद्मभूषण और पद्मश्री से सम्मानित किया था। कुर्तलैन हैदर का निधन साल 2007 में हुआ।
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