अनोखी पहल : बनिए ब्लड डोनर, मुफ्त में घूमिए उड़ीसा

भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने अनोखी पहल की है। यहां नियमित रक्तदान करने वालों को फ्री बस पास दिया जाएगा।
बुधवार को नवीन पटनायक की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार नियमित रक्तदान करने वालों की डायरेक्टरी उनके ब्लड ग्रुप के आधार पर तैयार करेगी।
यह कोशिश रक्तदान के प्रति रुझान बढ़ाने के लिए की गई है। देश में इस तरह की यह पहली कोशिश है। सरकार की योजना है कि शुरुआत में ऐसे ब्लड ग्रुप वाले लोगों को रजिस्टर किया जाएगा, जो कम मिलते हैं।
इसके साथ ही ब्लड हेल्पलाइन भी शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री पटनायक ने स्वास्थ्य विभाग के ब्लड बैंकों की व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश भी दिया है।
यहां रक्तदान मुफ्त
विश्व रक्तदान दिवस 14 जून को होता है। वर्ष 1997 में संगठन ने यह लक्ष्य रखा था कि विश्व के प्रमुख 124 देश अपने यहां स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा दें। आपको जानकर हैरत होगी कि तंजानिया जैसे देश में 80 प्रतिशत रक्तदाता पैसे नहीं लेते, कई देशों जिनमें भारत भी शामिल है, रक्तदाता पैसे लेता है।
ब्राजील में तो यह क़ानून है कि आप रक्तदान के बाद किसी भी प्रकार की सहायता नहीं ले सकते। ऑस्ट्रेलिया के साथ साथ कुछ अन्य देश भी हैं जहां पर रक्तदाता पैसे बिलकुल भी नहीं लेते।
रक्तदान में भारत से आगे ये गरीब देश
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक भारत में सालाना एक करोड़ यूनिट रक्त की जरूरत है लेकिन 75 लाख यूनिट ही मिल पाती है। स्वैच्छिक रक्तदाताओं से इसका महज 30 फीसदी ही जुट पाता है। हालांकि कई गरीब देशों में रक्तदान की स्थिति भारत से बेहतर है। नेपाल में कुल रक्त की जरूरत का 90 फीसदी स्वैच्छिक रक्तदान से पूरा होता है। श्रीलंका में 60 फीसदी, थाईलेण्ड में 95 फीसदी, इण्डोनेशिया में 77 फीसदी और बर्मा में 60 फीसदी हिस्सा रक्तदान से पूरा होता है।