आस्ट्रेलिया जाने वाली टीम इंडिया में एक बॉक्सर भी

नई दिल्ली। आस्ट्रेलिया जाने वाली टीम इंडिया में इस बार एक बॉक्सर भी है। यह अलग बात है कि अब यह बॉक्सर क्रिकेटर बन चुका है।
पंजाब के बरिंदर सरन को टीम इंडिया में चुना गया है। 17 साल की उम्र में बंरिदर भिवानी बॉक्सिंग क्लब की ओर से खेला करते थे। भिवानी बॉक्सिंग क्लब के संस्थापक जगदीश सिंह है। जगदीश ने ही देश को विजेंदर सिंह के रूप में आेलंपिक मेडलिस्ट दिया था।
हालांकि बरिंदर के मन में क्रिकेट बसा था। किसान का यह बेटा गर्मी की छुट्टियों में भिवानी से अपने गांव डबवाली लौटा था। एक दिन अखबार में किंग्स इलेवन पंजाब का विज्ञापन देखकर बरिंदर के मन में बसा क्रिकेट बाहर निकलने को मचलने लगा।
छह फीट तीन इंच लंबे बरिंदर को आईपीएल की राजस्थान रॉयल्स टीम ने 10 लाख रुपए के बेस प्राइस पर खरीदा था। उनके कोच सुखविंदर टीकू का कहना है कि बरिंदर में स्पीड और स्विंग दोनों हैं और इन-स्विंग उसकी ताकत है।
बरिंदर अपने भाई और एक दोस्त के साथ मोहाली पहुंच गया। लेकिन कुछ वजहों से यहां किंग्स इलेवन पंजाब का सेलेक्शन प्रोसेस हुआ ही नहीं। हालांकि इस उम्र तक क्रिकेट का कीड़ा बरिंदर के काफी भीतर तक घुस चुका था।
अपने उत्साह और लगन के बूते बरिंदर पंजाब क्रिकेट के टॉप 40 खिलाडि़यों में एक बन चुके थे। इसके बाद बरिंदर को चंडीगढ़ की केके क्रिकेट एकेडमी का पता चला। चंडीगढ़ पहुंचने के बाद बरिंदर को खुद को साबित करने का मौका मिला। यहां बरिदंर एक स्पीडस्टार कॉन्टेस्ट में शामिल हुए। उन्होंने उत्तर भारत के सबसे तेज गेंदबाज का खिताब भी जीता।
इस सफलता के बूते उन्हें मोहाली स्टेडियम में प्रैक्टिस का मौका मिला । यहां से बरिंदर के करियर को पंख लग गए। पहले उन्होंने अंडर 19 क्रिकेट स्पीड स्टार का खिताब हासलि किया। इसके बाद उन्हें दुबई में आईसीसी एकेडमी में ट्रेनिंग का मौका मिला।
आज पंजाब की ओर से युवराज की वापसी के बाद बरिंदर की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज बरेंदर सरन पंजाब की तरफ से खेलते हैं। 2011 में इन्होंने राष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी पारी की शुरुआत की थी। पहले ही मैच में सात विकेट लेकर(पहली पारी में 3 और दूसरी पारी में 4) सुर्खियां बटोरी। बरिंदर अब तक 11 मैचों में 32 विकेट झटके हैं। विजय हजारे ट्रॉफी के अब तक खेले गए 6 मैचों में 14 विकेट झटक कर उन्होंने सभी को प्रभावित किया है।