परमाणु बम से कई गुना विनाशकारी है हाइड्रोजन बम

नई दिल्ली। हाइड्रोजन बम दुनिया का सबसे खतरनाक और विनाशकारी बम है। हालांकि अभी तक किसी भी युद्ध में इसका इस्तेमाल नहीं हुआ है। जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में भी परमाणु बम गिराए गए थे, जबकि हाइड्रोजन बम इससे कई गुना ज्यादा विनाशकारी होता है। हाइड्रोजन बम एक विस्फोट में शहर के शहर तबाह कर सकता है। 9 मई 1951 को पहला हाइड्रोजन बम परीक्षण हुआ था।
दोनों तरह के बम में अंतर यही है कि एटम बम में फिजन से गर्मी पैदा होती है, जबकि हाइड्रोजन बम में एटम के फ्यूजन से उर्जा पैदा होती है। फ्यूजन के लिए 1 करोड़ डिग्री से ज्यादा तापमान जरूरी है। हाइड्रोजन बम में फिजन और फ्यूजन दोनों का इस्तेमाल होता है।
फिजन और फ्यूज में यह अंतर
फिजन और फ्यूजन दोनों अलग-अलग प्रक्रियाएं हैं। फिजन में एक परमाणु दो या ज्यादा छोटे अणुओं में बिखर जाता है। जबकि फ्यूजन तब होता है जब दो या ज्यादा अणु आपस में मिलते हैं और बड़ा व भारी परमाणु बनाते हैं। हाइड्रोडन बम हाइड्रोजन के अणुओं के फ्यूजन से बनता है। इसीलिए इसे हाइड्रोजन बम कहते हैं। यह फिजन और फ्यूजन से बनता है। छोटे हाइड्रोजन बम ज्यादा आसान होता है, इसलिए इन्हें मिसाइलों में आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है।