नवरात्र में सबसे पहले सुबह उठकर करें ये काम, इस तरह से करें पूजा..

नई दिल्ली: पुरे शहर के मंदिरों में इस समय एक अलग रौनक और सजावट देखने को मिल रही है। शनिवार से चैत्र नवरात्र की शुरुआत होगी। शहर में विभिन्न मंदिरों में तरह-तरह के आयोजन के लिए देवी प्रतिमा और मंदिर की सजावट को लेकर विशेष तैयारिया की जा रही हैं। साथ ही साथ घरों में देवी पूजन को लेकर लोगों ने पूरी तैयारी की है।

चैत्र नवरात्र शनिवार से शुरू होकर 14 अप्रैल तक चलेंगे। इस पूजन में सबसे खास कलश स्थापना एवं व्रत को माना जाता है। लोग अपने घरों में देवी का कलश स्थापित कर उनका आह्वान करते हैं। साथ ही कई लोग इस दौरान व्रत भी रखते हैं। पंडित प्रकाश जोशी ने बताया कि नवरात्र की शुरुआत कलश स्थापना से होती है। इसके लिए पूजन सामग्री जैसे मिट्टी का पात्र, लाल रंग का आसन, जौ, कलश के नीचे रखने के लिए मिट्टी, कलश, मौली, लौंग, कपूर, रोली, साबुत सुपारी, चावल, अशोक या आम के 5 पत्ते, नारियल, चुनरी, सिंदूर, फल-फूल, माता का श्रृंगार और फूलों की माला की आवश्यकता होती है।

जानिए पूरी विधि, शुभ मुहूर्त व कैसे करें कलश स्थापना…
नवरात्रि के पहले दिन नहाकर मंदिर की सफाई करें या फिर जमीन पर माता की चौकी लगाएं
सबसे पहले भगवान गणेश जी का नाम लें मां दुर्गा के नाम की अखंड ज्योत जलाएं और मिट्टी के पात्र में मिट्टी डालें, उसमें जौ के बीज डालें
कलश या लोटे पर मौली बांधें और उस पर स्वास्तिक बनाएं
लोटे (कलश) पर कुछ बूंद गंगाजल डालकर उसमें दूब, साबुत सुपारी, अक्षत और सवा रुपया डालें
अब लोटे (कलश) के ऊपर आम या अशोक 5 पत्ते लगाएं और नारियल को लाल चुनरी में लपेटकर रखें
अब इस कलश को जौ वाले मिट्टी के पात्र के बीचोंबीच रख दें
अब माता के सामने व्रत का संकल्प लें
सबसे पहले भगवान गणेश जी का नाम लें मां दुर्गा के नाम की अखंड ज्योत जलाएं और मिट्टी के पात्र में मिट्टी डालें, उसमें जौ के बीज डालें
कलश या लोटे पर मौली बांधें और उस पर स्वास्तिक बनाएं
लोटे (कलश) पर कुछ बूंद गंगाजल डालकर उसमें दूब, साबुत सुपारी, अक्षत और सवा रुपया डालें
अब लोटे (कलश) के ऊपर आम या अशोक 5 पत्ते लगाएं और नारियल को लाल चुनरी में लपेटकर रखें
अब इस कलश को जौ वाले मिट्टी के पात्र के बीचोंबीच रख दें
अब माता के सामने व्रत का संकल्प लें
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
सुबह 6.19 बजे से सुबह 10.26 बजे तक
सुबह 6.19 बजे से सुबह 10.26 बजे तक
नवरात्रि की पूजा विधि
नवरात्रों में सबसे पहले सुबह नहा-धोकर मंदिर के पास ही आसन बिछाएं और मां दुर्गा की मूर्ति की स्थापना करें
माता को चुनरी ओढ़ाएं और शुभ मुहूर्त के अनुसार कलश स्थापना करें
सबसे पहले भगवान गणेश का नाम लें और माता की पूजा आरंभ करें
नवरात्र ज्योति प्रज्वलित करें। इससे घर और परिवार में शांति आती है और नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है
माता को लौंग, बताशा, हरी इलायची और पान का भोग लगाएं
नवरात्रों में सबसे पहले सुबह नहा-धोकर मंदिर के पास ही आसन बिछाएं और मां दुर्गा की मूर्ति की स्थापना करें
माता को चुनरी ओढ़ाएं और शुभ मुहूर्त के अनुसार कलश स्थापना करें
सबसे पहले भगवान गणेश का नाम लें और माता की पूजा आरंभ करें
नवरात्र ज्योति प्रज्वलित करें। इससे घर और परिवार में शांति आती है और नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है
माता को लौंग, बताशा, हरी इलायची और पान का भोग लगाएं
भोग लगाने के बाद माता की 9 बार आरती करें
मां के विभिन्न रूपों का नाम स्मरण करते रहें
अब व्रत का संकल्प लें
मां के विभिन्न रूपों का नाम स्मरण करते रहें
अब व्रत का संकल्प लें