नौसेना ने किया बराक-8 का सफल परीक्षण, हवाई खतरों से निपटने में सक्षम

अपनी हवाई रक्षा क्षमता में एक बड़ी छलांग लगाते हुए भारतीय नौसेना ने बुधवार को सतह से हवा में मार करने वाली लंबी दूरी की बराक-8 मिसाइल (एलआर-एसएएम) का आईएनएस कोलकाता से सफल परीक्षण किया।
इस्राइल और भारत द्वारा विकसित बराक- मिसाइल के इससे पहले दो सफल परीक्षण हो चुके हैं। इस्राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्री ने कहा कि मिसाइल ने सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य को भेदा है और तीनों परीक्षणों में खरी उतरी है।
एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि अरब सागर में चल रहे नौसैन्य अभ्यास के दौरान कल और आज उच्च गति वाले लक्ष्यों पर दो मिसाइलें दागी गईं। प्रवक्ता ने बताया कि अपने हितों से जुड़े क्षेत्र में अपनी ताकत का प्रदर्शन करने में सक्षम बल के रूप में भारतीय नौसेना के रूपांतरण की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
बराक-8 की ताकत
बराक-8 मिसाइल फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टरों और ड्रोन जैसे कम से लंबी दूरी तक के विभिन्न हवाई खतरों से रक्षा के लिए डिजाइन की गई है। इसमें अत्याधुनिक मल्टी मिशन रडार, द्विमार्गी डाटा लिंक और एक सुगम कमान तथा नियंत्रण प्रणाली है, जो इसे दिन और रात में तथा सभी मौसमों में एक साथ कई लक्ष्यों को ध्वस्त कर डालने में सक्षम बनाती है। मिसाइल प्रणाली का विकास संयुक्त रूप से आईएआई, डीआरडीओ और इस्राइल के एडमिनिस्ट्रिेशन फॉर डेवलपमेंट ऑफ वेपंस एंड टेक्नोलॉजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर, एल्टा सिस्टम्स, राफेल तथा अन्य कंपनियों द्वारा किया जा रहा है।
आईएआई के सीईओ योसी वेस ने कहा कि मिसाइल ने भारतीय पोत से भारतीय समुद्र में अपने लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेदा है। यह भारत इस्राइल दोनो को लिए महत्वपूर्ण है। अब दोनो देश पूरी तरह से आपेशनल मोड में आ जाएंगे। इस्राइली पोत के मुकाबले भारतीय पोत बहुत बड़ा था लेकिन मिसाइल इस परीक्षण में खरी उतरी। बराक-8 करीब सौ किलोमीटर की दूरी से अपने शुत्रु को देख सकती है और उसका भेदन कर सकती है।