ISIS का खतरनाक ‘अलरावी’ मोबाइल एप

आधुनिक सूचना और तकनीक के जरिये लोग नये-नये मुकाम हासिल कर सफल हो रहे हैं लेकिन इसी सूचना तकनीक का आंतक और दहशत फैलाने में ISIS द्वारा भरपूर प्रयोग किया जा रहा है। ISIS ने एक बार फिर दहशत फैलाने के लिये तकनीक की मदद ली है। विश्व का सबसे बड़ा आतंकी संगठन ISIS कितना हाइटेक हो चुका है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने खुद की अपनी मोबाइल ऐप बना ली है। जिससे वे आसानी से अपने मैसेज एक दूसरे को भेज सकते हैं वो भी खुफिया एजेंसियों को बिना खबर लगे।
इस नई एप्लीकेशन ने विश्व की सभी खुफिया एजेंसियों की मुश्किलें और बढा दी हैं, आईएसआईएस ने इस ऐप का नाम अलरावी रखा है, जिसकी मदद से वे फोटो, वीडियो और मैसेज कहीं भी आसानी से भेज सकते हैं। जानकारों का कहना है ये एप्लीकेशन वाट्सएप और टेलिग्राम जैसी दूसरी मैसेजिंग एप्लीकेशनों के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित है।
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ISIS पहले भी बना चुका है एप
ये कोई पहली एप्लीकेशन नहीं है जिसे आईएसआईएस ने बनाया है। इससे पहले भी इस संगठन ने अमाक नाम की एक एप्लीकेशन बनाई थी जिसे टेलिग्राम से जोड़कर प्रयोग किया जा रहा था। इस एप में हमलों के वीडियो, भड़काऊ संदेश अपलोड किए जाते थे। कहा जा रहा है इस एप्लीकेशन को रूस के एक डेवलपर ने बनाया है।
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सोशल मीडिया में आईएसआईएस के बढ़ते प्रभाव और आंतक के चलते कई साइटों ने हजारों वीडियो और मैसेज हटाए भी हैं। ट्विटर ने 10 हजार से ज्यादा एकाउंट को सस्पेंड किया था वहीं यूट्यूब ने भी 1 करोड़ 40 लाख वीडियो डिलीट किए थे। ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब द्वारा प्रतिबंध के चलते ही आईएस ने जिहादियों के लिए अपना एक सोशल नेटवर्क ‘किलाफाबुक’ भी तैयार किया है। क्योंकि आईएस के लिए भर्ती की रणनीति तैयार करने के लिए सोशल मीडिया बेहद अहम और कारगर साबित हो रहा है। अगर ‘अलरावी’ को बंद न किया गया तो इस एप्लीकेशन की मदद से नई पीढ़ी को आईएसआईएस एक बार फिर अपनी और खींच सकती है।