इस्लामी विद्वान और ‘रहमानी 30’ के संस्थापक वली रहमानी का निधन, मुख्यमंत्री ने जताया शोक
1 सप्ताह से भी कम वक्त पहले उन्हें कोविड-19 का टीका भी लगवाया गया था। लेकिन टीके की दूसरी खुराक लेने के कम से कम दो सप्ताह बाद टीके का वास्तविक असर होता है।

पटना: हिंदुस्तान के बड़े इस्लामी विद्वानों में से एक और इमारत ए शरिया के प्रमुख वली रहमानी का शनिवार को निधन हो गया। बता दें कि उनकी जांच में 1 सप्ताह से भी कम वक्त पहले कोविड-19 की पुष्टि हुई थी जिसके बाद उनकी हालत खराब होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वली रहमानी की उम्र 78 साल थी वह बिहार के मुंगेर जिले के निवासी थे।
वली रहमानी एक बार राज्य विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं। वली रहमानी जिस अस्पताल में भर्ती थे उसके निदेशकों में से एक डॉक्टर अब्दुल हई के अनुसार रेहमानी ने आज सुबह अपनी आखिरी सांस ली। डॉक्टर अब्दुल हई ने बताया कि उन्हें तीन-चार दिन पहले भर्ती किया गया था। उनकी जांच में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने से 1 सप्ताह से भी कम वक्त पहले उन्हें कोविड-19 का टीका भी लगवाया गया था। लेकिन टीके की दूसरी खुराक लेने के कम से कम दो सप्ताह बाद टीके का वास्तविक असर होता है।
इसकी खबर लगते ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( Chief Minister Nitish Kumar ) ने वली रहमानी के बेटे को फोन कर शोक जताया है। और कहा है कि रेहमानी को पूरे राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द ए खाक किया जाएगा। दिवंगत इस्लामी विद्वान के नजदीकी सूत्रों ने यह भी बताया है कि उनके पार्थिव शरीर को मुंगेर स्थित उनके मूल निवास के कब्रिस्तान में रविवार को दफन किया जाएगा।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
रहमानी ने अपनी जिंदगी में कई प्रकार की उपलब्धियां हासिल की है, उनकी उपलब्धियों में से एक “रहमानी 30” नामक संस्थान की स्थापना भी है। जहां मुफ्त में बच्चों को कोचिंग दी जाती है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ( All India Muslim Personal Law Board ) ने भी ट्वीट कर अपने पूर्व महासचिव रेहमानी के निधन की जानकारी दी।
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