ISRO का मिशन कामयाब, Satellites का सफलापूर्वक लॉन्च, PM मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति को दी शुभकामनाएं
इसरो (ISRO) के पी.एस.एल.वी.-सी51 के जरिए ब्राजील के एमेजोनिया-वन सैटेलाइट के सफलापूर्वक लॉन्च के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति को दी बधाई

आंध्र प्रदेश: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) इसरो ने श्रीहरिकोटा से पी.एस.एल.वी.-सी 51 (PSLV-C51) के जरिये एमेजोनिया-वन और 18 अन्य उपग्रहों (Satellites) को लॉन्च किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील (Brazil) के राष्ट्रपति को शुभकामनाएं दी।
एमेजोनिया-वन Satellite
इसरो (Indian Space Research Organisation) के पी.एस.एल.वी.-सी51 के जरिए ब्राजील के एमेजोनिया-वन सैटेलाइट (Amazonia-One Satellite) के सफलापूर्वक लॉन्च के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सनारो को शुभकामनाएं दी है।
PM Modi congratulates Brazilian President Jair Bolsonaro on successful launch of Amazonia-1 satellite
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— ANI Digital (@ani_digital) February 28, 2021
इसरो के चीफ के.सिवन (ISRO Chief K. Sivan) ने कहा कि मुझे ये बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि पी.एस.एल.वी.-सी 51 (PSLV-C51) आज एमेजोनिया-वन के ऑर्बिट में सफलतापूर्वक लॉन्च हो गया। ब्राजील द्वारा डिजाइन और इंटीग्रेटेड इस पहले सैटेलाइट को लॉन्च करके भारत और इसरो (ISRO) बहुत गर्व और खुशी अनुभव कर रहा है।
ISRO का गठन
1962 में जब भारत सरकार द्वारा भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (इन्कोस्पार) का गठन हुआ तब भारत ने अंतरिक्ष में जाने का निर्णय लिया। कर्णधार, दूरदृष्टा डॉ. विक्रम साराभाई के साथ इन्कोस्पार ने ऊपरी वायुमंडलीय अनुसंधान के लिए तिरुवनंतपुरम में थुंबा भूमध्यरेखीय राकेट प्रमोचन केंद्र (टर्ल्स) की स्थापना की।
#WATCH ISRO's PSLV-C51 carrying Amazonia-1 and 18 other satellites lifts off from Satish Dhawan Space Centre, Sriharikota pic.twitter.com/jtyQUYi1O0
— ANI (@ANI) February 28, 2021
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1969 में गठित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने तत्कालीन इन्कोस्पार का अधिक्रमण किया। डॉ. विक्रम साराभाई ने राष्ट्र के विकास में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की भूमिका तथा महत्व को पहचानते हुए इसरो को विकास के लिए एजेंट के रूप में कार्य करने हेतु आवश्यक निदेश दिए। तत्पश्चात् इसरो ने राष्ट्र को अंतरिक्ष आधारित सेवाएँ प्रदान करने हेतु मिशनों पर कार्य प्रारंभ किया और उन्हें स्वदेशी तौर पर प्राप्त करने के लिए प्रैद्योगिकी विकसित की।
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