केजरीवाल ने शिक्षकों की छुट्टी कर कहा रामलीला मैदान में लगानी होगी हाजिरी

नई दिल्ली: अरविन्द केजरीवाल रविवार को लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ रामलीला मैदान में लेंगे| इसी के साथ ही केजरीवाल ने पीएम मोदी को समारोह में आने का न्योता दिया है| इतना ही नहीं उन्होंने सरकारी स्कूलों के प्राचार्यों व शिक्षकों को केजरीवाल के शपथ समारोह में आने का आदेश दिया गया है| शिक्षा निदेशालय ने जो सर्कुलर जारी किया है उस पर विपक्षी दल हमला कर रहे है|
इस बात को लेकर भाजपा के साथ कांग्रेस भी केजरीवाल पर हमला कर रही है| भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर इस सर्कुलर पर निशाना साधते हुए कई सवाल किए| उन्होंने लिखा कि सरकार के शपथ ग्रहण में टीचर्स आए ये अच्छी बात है| लेकिन सरकारी आर्डर निकालकर जबरदस्ती टीचर्स को लाया जाए, टीचर्स की हाजिरी रामलीला मैदान में लगाई जाए, ये एक गलत परंपरा की शुरुआत है|
सरकार के शपथ ग्रहण में टीचर्स आये ये अच्छी बात हैं
लेकिन सरकारी आर्डर निकालकर जबरदस्ती टीचर्स को लाया जाए
टीचर्स की हाजिरी रामलीला मैदान में लगाई जाए
ये एक गलत परंपरा की शुरुआत हैं
शपथ ग्रहण को ऐसे "अनावश्यक ग्रहणों" से मुक्त रखना चाहिए
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) February 15, 2020
इस समारोह में DIET, SCERT और परमानेंट टीचर्स, गेस्ट टीचर्स, को-आर्डिनेटर, हैपीनेस करिकुलम के को-आर्डिनेटर और सभी प्रिंसिपल-वाईस प्रेंसिपल इस कार्यक्रम में शामिल होंगे|
भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने ट्वीट कर कहा कि आम आदमी पार्टी ने मुफ्तखोरी के दम पर चुनाव तो जीत लिया, लेकिन उसके पास जन समर्थन नहीं है। इसलिए 30 हजार अध्यापकों को शपथ ग्रहण में पहुंचने का निर्देश दिया गया है|
कांग्रेस के प्रवक्ता मुकेश शर्मा ने ट्वीट कर कहा कि शपथ ग्रहण में भीड़ जुटाने के लिए शक्ति का दुरुपयोग किया जा रहा है। शर्मा ने उपराज्यपाल से इसकी जांच कराने की मांग की है। साथ ही शिक्षा निदेशालय ने इन आरोपों पर जबाव देते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए शिक्षकों को सम्मान स्वरूप शपथ ग्रहण में बुलाया जा रहा है।