Kisan Andolan: Luxury सुविधाओं से लैस होगा टीकरी बॉर्डर
तीन कृषि कानूनों के विरोध में गर्मियों के लिए किसानों ने की तैयारी, टीकरी बॉर्डर पर पंखे, बोरवेल और फ्रिज का इंतजाम

नई दिल्ली: सरकार के नए तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन (Kisan Andolan) को लेकर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि जब तक सरकार बात नहीं मानेगी, आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा। सरकार से अभी बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं है, तैयारी लंबी है।
जब तक सरकार बात नहीं मानेगी, आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा। सरकार से अभी बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं है, तैयारी लंबी है: राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता #Farmlaws pic.twitter.com/YCf846A7gU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 4, 2021
गर्मियों के लिए तैयारी
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली (Delhi) में चल रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए अमृतसर से कल जत्था रवाना हो रहा है, गर्मियों को ध्यान में रखते हुए ट्रोलियों में इंतजाम किए गए हैं। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव ने बताया, पंखे, पानी और मच्छरों के लिए व्यवस्था की गई है।
पंजाब: कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में चल रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए अमृतसर से कल जत्था रवाना हो रहा है, गर्मियों को ध्यान में रखते हुए ट्रोलियों में इंतजाम किए गए हैं। किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के महासचिव ने बताया, "पंखे, पानी और मच्छरों के लिए व्यवस्था की गई है।" pic.twitter.com/gKTEOm0wD4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 4, 2021
कृषि कानूनों के खिलाफ टीकरी बॉर्डर (Tikari Border) पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गर्मियों के लिए अपनी तैयारी कर ली है। प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन स्थल पर पंखे, बोरवेल और फ्रिज का इंतजाम किया है।
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राकेश टिकैत ने कहा कि रोटी पर व्यापार बर्दाश्त नहीं,अनाज तिजौरी में बंद नहीं होने देंगे। भूख पर व्यापार करने वाले लोग कान खोल कर सुन ले। भूख पर रोटी की कीमत तय नही होने देंगे। रोटी को तिजोरी में बंद नहीं होने देंगे और ना ही रोटी को बाजार की वस्तु बनने देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि केवल व्यापारिक पक्ष के लिए बनाये कानून किसान समाज को गुलाम बना देंगे।
किसान महापंचायत
मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर
लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया
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राजस्थान के झुंझुनू में आयोजित किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) में राकेश टिकैत ने कहा था कि मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंजिल मगर लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया।
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