जानिये कैसे हुआ सुर्तेसी का निर्माण, सरकार ने दिया इस आइलैंड पे रहने के लिए ऑफर

शहरों और गांवों के अलावा भी दुनिया में ऐसी बहुत सी जगहें हैं, जहां लोग रह सकते हैं। हमे मिली जानकारी के मुताबिक एक ऐसे आइलैंड का पता चला हैं जहाँ पर रहने का सरकार का ऑफर लोगों को पसंद भी आ रहा है। कई लोग यहां रहने के लिए आवेदन भी कर चुके हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस आइलैंड पर स्कूल भी है, जो बच्चों की कमी के कारण बंद हो गया था, लेकिन अब एक बार फिर से उसे खोल दिया गया है।

सरकार इस आइलैंड पर खासतौर पर बेकिंग, फार्मिंग, फिशिंग और निर्माण कार्य से जुड़े लोगों को बुला रही है, क्योंकि ये ऐसे पेशे हैं, जिससे लोग यहां अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं।

आपको बता दें की सुर्तेसी का निर्माण भी पानी के अंदर ज्वालामुखी विस्फोट से हुआ है जो नॉर्वेजियन सागर के १३० मीटर की गहराई से शुरु हुआ था पिघलता हुआ लावा जमा होकर एक टीले के रूप में उभर गया और 14 नवंबर, 1963 को आधिकारिक तौर पर इस आइलैंड का निर्माण हो गया| नॉर्वे की पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस आइलैंड का नाम आग के देवता सुर्तुर के नाम पर रखा गया था|

ये द्वीप दिखाई देने के तीन हफ्तों से भी कम समय पहले तीन फ्रेंच पत्रकारों की एक टीम ने सुलगनेवाले चट्टान पर पैर रखने की हिम्मत की, मगर हिंसक विस्फोट से पंद्रह मिनट पहले ही उन्होने उस द्वीप को छोड़ दिया था| सौभाग्य से फ्रेंच ने द्वीप पर दावा करने की कोशिश नहीं की, हालांकि पत्रकारों ने इसके बारे में मजाक उडाया था| चीजों को अधिक गंभीर और राजनीतिक होने से पहले, आईसलॅंड ने जल्दी से नए द्वीप पर नियंत्रण पर जोर दिया|